पंचकूला । कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का मुकाबला करने के लिए स्वयंसेवी समूहों के गठन की बात कहने के कुछ दिनों बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी वापस ले ली है. CM खट्टर ने अपना बयान वापस ले लिया और किसानों और विपक्ष के विरोध के बाद ‘माफी’ मांगी है. उन्होंने पंचकूला में कहा, “मैं अपना बयान वापस लेता हूं. मैं समाज में किसी भी तरह के टकराव को बढ़ावा नहीं देना चाहता.”
कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे खट्टर
मुख्मयंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि वह कल एक कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे क्योंकि किसान विरोध करने की योजना बना रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि “कल मुझे कैथल जिले में अग्रवाल समुदाय के एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन किसानों ने मेरे माफी मांगने के बावजूद इसका विरोध करने का ऐलान किया है. हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.”
‘जैसे के लिए तैसा’ नीति’
मुख्यमंत्री ने विवादास्पद टिप्पणी उस समय की जब वह भाजपा के किसान विंग के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे, जो अनाज खरीद शुरू करने के लिए धन्यवाद देने के लिए उनके आधिकारिक आवास पर आए थे. रविवार को सामने आए वीडियो में खट्टर ने कहा है कि “कुछ नए कृषि समूह हैं जो हाल ही में सामने आए हैं. हमें उनका समर्थन करना है. उत्तर और पश्चिम हरियाणा में, किसानों को सशस्त्र समूहों को खड़ा करना चाहिए. 500-700-1000 लोगों के स्वयंसेवी समूहों को उठाएं और लाठी उठाएं और फिर ‘जैसे के लिए तैसा’ नीति का पालन करें.
CMO ने क्या कहा?
आगे उन्होंने कहा कि परिणामों के बारे में चिंता न करें और अगर आप इसके लिए सलाखों के पीछे जाते हैं तो जमानत पाने की चिंता न करें. आप एक बड़े नेता के रूप में सामने आएंगे।” कांग्रेस, जल्द ही, अपने हमले के साथ सामने आई, यह कहते हुए कि CM खट्टर पर सार्वजनिक रूप से मजबूत-हाथ की रणनीति की वकालत करने का आरोप लगाया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि बयान “आधे में काटने के बाद फैलाया गया है”.
अंतिम बार किसानों के ऊपर लाठीचार्ज
हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर अंतिम बार बल प्रयोग 28 अगस्त को हुआ था. हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज करने में लगभग 10 लोग घायल हो गए थे, जिन्होंने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भाजपा की बैठक के विरोध में करनाल के रास्ते में एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था.
बता दे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इस वायरल वीडियो को हरियाणा के लोगों ने ही नहीं, जबकि भारत के एक बहुत बड़े तबके ने ट्वीटर पर ट्वीट किया था और सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया. हालांकि कांग्रेस और इनेलो ने भी विपक्ष की ख़ूब भूमिका निभाई थी।
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