2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जयंती तथा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी राष्ट्रीय स्वामित्व योजना को लॉन्च करेंगे. इसके तहत देश के प्रत्येक जिले में से 11 गांवों को लाल डोरामुक्त किया जाएगा. इस दिन हरियाणा के तीन शहरों करनाल, जींद व सोहना तथा 242 गांवो को लाल डोरा मुक्त घोषित किया जाएगा. वैसे तो हरियाणा में यह योजना पहले ही शुरू हो चुकी है.
शुरुआत करनाल के सिरसी गांव से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 26 जनवरी 2020 को की थी. सिरसी पहला लाल डोरा मुक्त गांव है. सरकार ने राज्य के सभी 6841 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने का निर्णय लिया. सरकार इस प्रक्रिया को अंग्रेजों का कानून मानती है क्योंकि लाल डोरे को अंग्रेजों ने वर्ष 1908 में बनाया था. जब राजस्व रिकॉर्ड रखने के लिए खेतीबाड़ी की जमीन व गांव की आबादी को अलग-अलग दिखाने के मकसद से नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी. लाल डोरे के अंदर लोग उस कब्जे वाली जमीन के मालिक होते हैं. जिसे लाल डोरा बोला जाता है.
2 अक्टूबर तक कार्य को पूरा कर लेने की प्रक्रिया तैयार
माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भारत के महा सर्वेक्षक लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश कुमार के साथ डिजिटल मैंपिग व स्वामित्व
योजना की समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी. जिससे जल्द ही गांवों के लोगों को लाल डोरे में आने वाली जमीन का मालिकाना हक मिल सकेगा तथा लोगों के जमीनी झगड़ों के आपसी विवादों का भी निपटारा होगा. इन सबसे हरियाणा जहां पहले ही इसकी कार्ययोजना बना चुका है तथा इस पर काम भी हो रहा है इसलिए प्रधानमंत्री की इस स्वामित्व योजना में भी प्रदेश नम्बर 1 बनने की होड़ में अग्रसर है.