चंडीगढ़ | हरियाणा राज्य कृषि के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है. प्रदेश में तमाम फसलों की पैदावार अच्छी मात्रा में होती है. मनोहर सरकार द्वारा कृषि और किसानों को लेकर कई बड़े फैसले लिए हैं और मुख्यमंत्री ने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े.
गुरुवार, 14 अक्टूबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि से संबंधित वर्तमान मुद्दों पर तमाम अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने जलभराव वाले क्षेत्रों में से पानी की निकासी जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसान समय से अगली फसल की बिजाई कर सकें. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक में DCs को यह कार्य तय समय सीमा में पूरा करने के लिए कहा हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल निकासी के लिए आवश्यकता हो तो और पंपों की व्यवस्था करें. जल निकासी के बाद पानी ड्रेन में डालने की बजाए रिचार्जिंग के लिए इस्तेमाल किया जाए, इससे जलस्तर में भी सुधार होगा. मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को कहा कि विभागों, निगमों, सोसाइटी एवं कमेटियों की बैठक निर्धारित समय अवधि में नियमित रूप से करें.
मुख्यमंत्री ने बाजरे की फसल पर दी जाने वाली भावांतर योजना का लाभ छोटी जोत के किसानों को प्राथमिकता से दिए जाने के लिए कहा. मुख्यमंत्री ने भावंतर भरपाई की राशि जल्द से जल्द किसानों के खातों में जमा करने के निर्देश दिए.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बरसात के कारण टूटी सड़कों की रिपेयर जल्द से जल्द करें. साथ ही सिंघू और टिकरी बॉर्डर के आसपास की लिंक सड़कों को भी जल्द से जल्द रिपेयर कराने की भी आदेश दिया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल भी बैठक में मौजूद रहे.
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