नई दिल्ली । आने वाले 20 सालों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल मेरठ की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग ही पहचान होगी. बता दें कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में एनसीआर रीजनल प्लान-2041 का खाका तैयार किया गया जिसके अंतर्गत एनसीआर क्षेत्र को 150 किलोमीटर से घटाकर 100 किलोमीटर किया गया है. इसके बावजूद भी मेरठ को एनसीआर क्षेत्र में शामिल किया गया है. इसके चलते मेरठ को हेलीटैक्सी (हेलीकॉप्टर) और हाईवे का जाल बिछेगा. एनसीआर क्षेत्र के शहरों की आपस में दूरी 30 से 50 मिनट में तय हो सकेंगी.
यें हैं हेलीटैक्सी
हेलीकॉप्टर को ही हेलीटैक्सी का नाम दिया गया है. एनसीआर क्षेत्र में शामिल शहरों की आपसी दूरी कम समय में तय करने के लिए हेलीटैक्सी संचालित की जाएगी. इसमें एक साथ चार यात्री सफर का आनंद उठा सकते है. इस तरह की सेवा की शुरुआत इससे पहले हिसार, बेंगलुरु व धर्मशाला में शुरू की गई है.
1500 मीटर लंबी है हवाई पट्टी
हेलीटैक्सी की सुविधा उपलब्ध होने पर परतापुर स्थित डॉ भीमराव अम्बेडकर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की जरूरत भी नहीं है क्योंकि यह 1500 मीटर लंबी और 80 मीटर चौड़ी है. इस हवाई पट्टी पर प्रदेश व केन्द्र सरकार के मंत्रियों के हेलीकॉप्टर आसानी से उतरते हैं.
यें हैं एनसीआर रीजनल प्लान
एनसीआर रीजनल प्लानिंग एनसीआर शहरों के प्लानिंग से काफी मिलती-जुलती होगी. इसके अन्तर्गत सबसे ज्यादा जोर नए हाईवे का निर्माण , मेट्रो संचालन आदि के कामों पर रहेगा. वहीं इसके साथ ही बिजली,जल संरक्षण, पर्यावरण व्यवस्था, आपदा प्रबंधन आदि की भी प्लानिंग बनाई जाएगी.
मेरठ से कई औधोगिक क्षेत्रों से जुड़े हुए लोग फ्लाइट पकड़ने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जातें हैं. हेलीटैक्सी संचालित होने पर सीधे एयरपोर्ट पहुंचने में आसानी रहेगी. वहीं मेरठ की हवाई पट्टी भी हेलीटैक्सी संचालित करने के लिए एकदम उपयुक्त है.
अंकित अग्रवाल, अध्यक्ष, आर्किटेक्ट एसोसिएशन
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