चंडीगढ़ । कांग्रेस कार्यसमिति की नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद हरियाणा कांग्रेस की तस्वीर भी साफ हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा और उनके समर्थित खेमे के 24 विधायकों के विरोध के चलते हरियाणा कांग्रेस में चली आ रही खींचतान संभवत अपने आप ही खत्म हो जाएगी. कार्यसमिति की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जिस तरह अपने रुख को स्पष्ट किया है , उससे यही संदेश मिला है कि हरियाणा कांग्रेस में प्रदेश स्तरीय नेताओं का सामूहिक नेतृत्व ही पार्टी की कमान संभालता रहेगा.
कुमारी शैलजा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व संभालती रहेगी और प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल भी अपने पद पर बने रहेंगे. हालांकि ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद उन्हें यूपी चुनाव की जिम्मेदारी संभालने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. कुमारी शैलजा को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे G-23 के प्रमुख नेता भुपेंद्र हुड्डा पिछले कुछ महीनों से पार्टी हाईकमान की ज्यादा खिलाफत नहीं कर रहे हैं तो वही उनके बेटे एवं राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है. कमोबेश यही स्थिति कार्यसमिति के दूसरे सदस्य कुलदीप बिश्नोई के सामने आई है और वह भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था व्यक्त कर रहे हैं.
संगठन गठन की दरकार
ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद संभावना जताई जा रही हैं कि कांग्रेस के संगठन गठन कार्य को निपटा लिया जाएगा. इसके पीछे का कारण भुपेंद्र हुड्डा व उनके समर्थित खेमे के विधायकों की पार्टी हाईकमान से उम्मीदें थी लेकिन शनिवार को दिल्ली में हुई कार्यसमिति की बैठक के बाद इस बात पर मुहर लग गई कि हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पूर्व मंत्री किरण चौधरी व कैप्टन अजय यादव के सामूहिक नेतृत्व में चलती रहेगी.
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