हिसार । चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार ने सरसों की फसल बुवाई को लेकर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में सरसों रबी सीजन में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है. हरियाणा में सरसों प्रमुख रूप से सिरसा, हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी व मेवात जिलों में बोई जाती है. एचएयू कृषि विभाग ने सलाह दी है कि इस विधि से किसान सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
एचएयू यूनिवर्सिटी के कृषि वैज्ञानिक डॉ रामनिवास ढांडा ने बताया कि सरसों फसल बिजाई से पूर्व मौसम को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें. उन्होंने बताया कि सरसों फसल की बुआई का उचित समय 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक होता है। इसके बावजूद भी यदि कोई किसान साथी किसी कारणवश इस समय के दौरान बुवाई नहीं कर पाते हैं तो वे 10 नवम्बर तक अच्छी क्वालिटी के बीज का चयन करके सरसों की बिजाई कर सकते हैं. सरसों फसल की पछेती बिजाई के लिए RH-9801व RH-30 किस्म इस्तेमाल कर सकते हैं.
बिजाई से पूर्व बीज का उपचार जरुरी
एचएयू कृषि महाविद्यालय के आनुवांशिकी एवं पौध प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके पाहुजा के मुताबिक समय पर बिजाई के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित उन्नत किस्में RH-725,RH-0749,RH-30 सबसे बेहतर है . सिंचाई वाले क्षेत्र में 1.5 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ व बारानी क्षेत्र के लिए 2 किलोग्राम प्रति एकड़ की जरुरत होती है. बिजाई से पूर्व बीज को 2 ग्राम कार्बेंडिज्म प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से सूखाकर उपचार करें. पौधें से पौधे की दूरी 10 से 15 सेंटीमीटर व लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर रखें.
सरसों फसल वैज्ञानिक डॉ रामअवतार ने बताया कि बुआई के लिए खेत तैयार करते समय 6 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट प्रति एकड़ डालें. इसके अलावा सिंचाई वाले क्षेत्र में 35 किलोग्राम डीएपी,25 किलोग्राम यूरिया,10 किलोग्राम जिंक या सल्फेट का प्रयोग करें. इसमें यूरिया की आधी मात्रा बिजाई के समय,आधी यूरिया पहली सिंचाई पर और अन्य खाद बिजाई के समय डालें जबकि बारानी क्षेत्र में 35 किलोग्राम यूरिया व 75 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट बिजाई के समय डालें.
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