हिसार | सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी है. हालांकि मौसम अभी भी परिवर्तनशील बना हुआ है परंतु कुछ जगह मौसम में अधिक तापमान की गिरावट दर्ज की गई है जो सामान्य से 5 डिग्री तक कम है. मौसम विभाग के मुताबिक 29 अक्टूबर तक मौसम के मिजाज परिवर्तनशील एवं ख़ुश्क रहने की संभावना है.
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉक्टर मदन खीचड़ ने बताया कि हिसार में शनिवार की रात को इस सीजन का सबसे कम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो हिमाचलप्रदेश के धर्मशाला के रात्रि तापमान के बराबर रहा. साथ ही, मौसम में यह गिरावट लगातार जारी है एवं कहीं कहीं हल्की बारिश की संभावना भी बताई जा रही है. इसलिए बदलते मौसम के साथ कई बीमारियां भी दस्तक देती है जिससे आपको सावधान रहने की आवश्यकता है.
किसानों को रखना होगा इन बातों का ध्यान
किसानों के लिए यह समय खेतों में बुआई का है .इसलिए उन्हें निम्न बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है. सबसे प्रमुख रूप से वे किसान जिन्होंने धान की खेती की है वे कटाई व कढाई करने के उपरांत पराली को जलाने की बजाय भूमि में दबाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं जिससे उन्हें आगामी फसल में अच्छा उत्पादन मिले एवं पर्यावरण प्रदूषण ना हो. नरमा कपास की चुनाई ओस की बूंदे छंटने के बाद करें एवं फलों एवं सब्जियों की फसलों में उचित सिंचाई की व्यवस्था रखें.
गेहूं की अगेती बिजाई करने हेतु अपने खेतों को अच्छी तरह से तैयार कर लें व तापमान अनुकूल होने पर बिजाई कर दें जिससे की अगेती फसल ली जा सके. अगर पानी अच्छा उपलब्ध है तो डब्लू एच711, 1105 व एचडी 2967,3086 जैसी उन्नत किस्मों का प्रयोग करें. यदि कम पानी उपलब्ध है तो सी306,डब्ल्यूएच 1080,1142 किस्म के बीजों का प्रयोग कर अच्छी पैदावार ली जा सकती है.
इसके साथ ही, सरसों की बिजाई के लिए उन्नत किस्म के आरएच 725, 749, 30 व 406 आदि प्रमाणित बीजों से बिजाई करें. चूंकि यह समय चने की बुआई का भी है इसलिए खेत मे देसी चने की बिजाई के लिए जोत को अच्छी तरह से तैयार करें तथा उन्नत किस्मों के साथ बिजाई शुरू करें. फसल बोने से पहले मिट्टी में राइजोबियम का उपचार अवश्य करें. जिससे उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके.
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