CM City: करनाल में फुका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला, 3 अध्यादेशों के प्रति विरोध

करनाल | CM CITY करनाल सैक्टर 12 जिला सचिवालय के बाहर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा धरना दिया गया है और साथ ही वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला किसानों द्वारा जलाया गया. किसानों ने रोष प्रकट किया और कहा इन तीनों अध्यादेशों को लेकर काफी समय से किसान संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा हैं और अपना इस मामले में शांतिपूर्वक तरीक़े से अपना इस कानून का विरोध प्रकट कर रहे हैं.

Modi

नहीं हुईं सुनवाई

किसानों ने कहा कि उन्होने कई बार इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया किंतु कोई सुनवाई नहीं की गई. अलग अलग किसान संगठन एक साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे. किंतु आज दशहरे के मौके पर हम सबने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने का निर्णय लिया है.

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रावण की जगह मोदी

खुद उप आयुक्त द्वारा किसानों के पास पहुंचकर उन्हें समझाने का प्रयास किया गया लेकिन किसान अपनी मांग पर डटे रहे और तब किसानों ने कहा कि वह शांतिपूर्ण तरीके से पुतला फूंक कर वापस अपने टेंट में चले जाएंगे और वहां फिर से अपना रोष शांतिपूर्वक तरीक़े से प्रकट करेंगे.

इस दौरान शुरूआत में किसानों को इन तीनों अध्यादेशों के बारे में समझाने की कोशिश की जा रही थी ताकि उन्हें अच्छे से पता चल सके कि यह तीनों अध्यादेश किस कारण से लाए गए है. सरकार द्वारा भी समय समय पर यह दावा किया है कि यह तीनों अध्यादेश किसानों के हित में हैं किंतु विपक्ष की पार्टियां लगातार टिप्पणियां कर रही है, किसानों के खिलाफ ख़िलाफ़ इन्हे दर्शाती नज़र आती है.

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किसानों के साथ बातचीत

अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमुख सिंह ने किसानों कि ओर से इन क़ानूनो को काला कानून का दर्जा दिया और कहा कि उन्होंने यह दिन इसलिए चुना है ताकि इस काले कानून की हार हो सके और किसान एकता की जीत निश्चित हो जाए. लगातार नारेबाजी करते हुए उन्होंने कहा कि है तीन कानून वापस वापिस लिए जाने चाहिए, वह किसान और आढ़ती के रिश्ते को मजबूत बनाकर रखना चाहते हैं.

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पुलिस बल की तैनाती

इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल वहां मौजूद रहा था किन्तु किसानों द्वारा यह रोष प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीक़े से किया गया. अंत में टेंट में वापिस जाते किसानों ने कहा कि 1888 रुपए का दाम सरकार द्वारा निश्चीत किया गया है, परंतु जीरी या तो नहीं बिक रही है और अगर बिक भी गई है तो समय रहते उन्हे पैसे नहीं मिल पा रहे हैं.

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