नई दिल्ली । पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि ने आम आदमी की आर्थिक गतिविधि को बुरी तरह प्रभावित किया है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें शतक लगा चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की निर्भरता को कम करने के लिए योजना बना रही है. इसके तहत केंद्र सरकार देश में फ्लेक्स- ईंधन लाने की तैयारी कर रही है. आमजन फ्लेक्स- फ्यूल कारों और ईंधन के बारे में सुन तो बहुत कुछ रहा है लेकिन क्या फ्लेक्स- फ्यूल के बारे में आम आदमी को विस्तृत जानकारी है. आइए हम आपको बताते हैं कि यें ईंधन क्या है-
आखिर क्या है Flex- fuel?
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है- फ्लेक्स- फ्यूल के जरिए आप अपनी गाड़ी को इथेनॉल के साथ मिश्रित ईंधन पर चला सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. ईवी की तुलना में, एक फ्लेक्स-इंजन मूल रूप से एक मानक पेट्रोल इंजन है, जिसमें कुछ अतिरिक्त घटक होते हैं जो एक से अधिक ईंधन या मिश्रण पर चलते हैं. इसलिए ईवी की तुलना में फ्लेक्स इंजन कम लागत में तैयार हो जाते हैं. इस दिशा में सरकार तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रही है.
6 महीने में अनिवार्य हो सकता है फ्लेक्स- फ्यूल
हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार फ्लेक्स फ्यूल ईंधन को अगले 6 महीनों में अनिवार्य करने जा रही है. उन्होंने कहा था कि यें नियम हर तरह के वाहनों के लिए बनाया जाएगा. इसके अलावा सभी ऑटो कंपनियों को आदेश दिए जाएंगे कि वह फ्लेक्स फ्यूल इंजन को अपने वाहनों में फिट करें.
सस्ते में चला सकेंगे गाड़ी
फ्लेक्स फ्यूल इंजन अनिवार्य होने पर गाडियां इथेनॉल ईंधन से भी चलने लगेंगी. इथेनॉल का रेट 65-70 रुपए प्रति लीटर है जबकि पेट्रोल का रेट इस समय 100 का आंकड़ा पार कर चुका है.
कैसे होते हैं फ्लेक्स फ्यूल इंजन
आपकी जानकारी के लिए बता दें फ्लेक्स इंजन वाले वाहन बाय फ्यूल इंजन वाले वाहनों से काफी अलग होते हैं. बाय फ्लूय इंजन में अलग-2 टैंक होते हैं तो वहीं फ्लेक्स फ्यूल इंजन में आप एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल डाल पाएंगे. ऐसे इंजन खास तरह से डिजाइन किए जाते हैं.
सरकार जल्द जारी करेगी दिशानिर्देश
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार इस संबंध में बहुत जल्द दिशानिर्देश जारी कर रही हैं और ऑटो कंपनियों को भविष्य में फ्लेक्स फ्यूल इंजन की पेशकश करने के लिए बाध्य करेगी. साथ ही ईवी की तुलना में अधिक व्यावहारिक होने के कारण, वर्तमान ईंधन पंप पेट्रोल/डीजल के साथ जैव-ईंधन की पेशकश करेंगे. बता दें बायोएथेनॉल की लागत पेट्रोल की तुलना में प्रति लीटर बहुत कम है.
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