युवक के शरीर में घुसे थे 40 फीट लंबे लोहे के दो सरिए, 5 घंटे के ऑपरेशन में ऐसे बची जान

रोहतक । हरियाणा के रोहतक जिले में एक शख्स भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया था लेकिन डाक्टरों ने समय रहते उसकी जान बचाने में कामयाबी हासिल की. मिली जानकारी अनुसार शाम करीब 6 बजें युवक करण बाइक पर सवार होकर घर से तेल लेने के निकला था कि रास्ते में उसके आगे चल रही सरियों से लदी रेहड़ी से टक्कर हो गई और दो सरिए उसकी छाती के आर-पार हों गए.

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समझदारी दिखा लंबे सरियों को काटा

ग्रामीणों ने समझदारी दिखाते हुए लंबे सरियों को कटवा दिया और करण को पीजीआई रोहतक में भर्ती करवाया. करण ऑपरेशन के बाद अभी कुछ दिन तक डाक्टरों की निगरानी में रहेगा. ऑपरेशन सफल होने के बाद डाक्टरों ने राहत की सांस ली.

लगभग 5 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में कॉर्डियो सर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग के डाक्टरों ने अपने प्रयास से इस यूनिक सर्जरी को कामयाब बनाया. सर्जरी के बाद युवक की जान ख़तरे से बाहर बताई जा रही है. जिसके बाद युवक के पिता ने डाक्टरों की टीम का धन्यवाद किया.

क्या कहा डाक्टरों ने

डाक्टरों ने कहा कि मरीज की सर्जरी कामयाब रही. फिलहाल मरीज को कुछ दिन निगरानी में रखा जाएगा. इसके साथ ही डाक्टरों ने लोगों को सलाह दी कि अगर किसी के साथ इस तरह का हादसा हो जाता है तो मरीज के शरीर में आर-पार हुई किसी भी लोहे के सरियों व अन्य नुकीली चीजों को बाहर न निकालें और सीधा उसे अस्पताल लेकर आए. ऐसा करने से मरीज की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है.

दो सरिए आर-पार निकल गए

करण के पिता ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों ने सूचना दी कि उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है और दो सरिए आर-पार निकल गए हैं. जब उन्होंने मौके पर जाकर बेटे की हालत देखी तो वो एक बार के लिए घबरा गए लेकिन ग्रामीणों की मदद से बेटे को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने सफल ऑपरेशन करते हुए उसके बेटे की जान बचाई.

पीजीआई रोहतक के कार्डियो सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डाक्टर शमशेर लोहचब ने बताया कि रात को मरीज उनके पास पहुंचा था. मरीज के शरीर में चार फीट आर-पार सरिए थे. सरियों ने मरीज के दोनों फेफड़ों को डैमेज कर दिया था. मरीज की हालत को देखते हुए डाक्टरों की टीम तुरंत सर्जरी में जुट गई.

लगभग 5 घंटे तक चली इस सर्जरी में सफलतापूर्वक सरियों को बाहर निकाला गया और फेफड़ो में हुएं नुकसान को स्टेपल द्वारा ठीक किया गया, जिससे फेफड़ों की ब्लीडिंग को रोका गया. फिलहाल मरीज की जान ख़तरे से बाहर हैं और उसे कुछ दिन तक डाक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा.

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