चंडीगढ़ | आज ही के दिन 55 साल पहले पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बना. 1 नवंबर 1966 को हरियाणा राज्य का गठन हुआ था. स्थापना के समय में हरियाणा की पहचान रेतीली और कीकर के जंगलों तक ही सीमित थी. लेकिन बदलते समय के साथ हरियाणा राज्य तरक्की की राह पर चल पड़ा.
इतिहास के पन्नों में झांक कर देखे तो देश की आजादी के बाद वर्ष 1950 में चंडीगढ़ को राजधानी घोषित किया गया था. वर्ष 1960 के दशक में पंजाब के पुनर्गठन की मांग तेजी से उठने लगी. जिसके फलस्वरूप 1966 में पंजाब से अलग होकर नए राज्य के रूप में हरियाणा अस्तित्व में आया लेकिन राजधानी अब भी चंडीगढ़ ही रही. पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बन गया लेकिन राजधानी अलग नहीं हुई. आज भी पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ है.
हरियाणा की विशेष पहचान
हरियाणा राज्य को यहां के जवान और किसान, हुक्के और चौपाल, पहलवान और दंगल, दूध और दही, घाघरे और कुर्ती, धोती और पगड़ी, सांग और रागनी, खेल और खिलाड़ी, पनघट और पहेलियां, मेहनती लोग और खड़ी बोली की मिठास विशेष पहचान दिलाते हैं. हरियाणा की संस्कृति और बोली देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद की जाती है. हरियाणवी गाना की आवाज भारत के हर कोने में गूंजती हैं.
हरियाणा में कुल 22 जिले
हरियाणा राज्य 44212 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है. हरियाणा में कुल 22 जिले हैं. जिनके नाम रोहतक, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, हिसार, जींद, अंबाला, करनाल, सोनीपत, भिवानी, कुरुक्षेत्र, सिरसा, यमुनानगर, रेवाड़ी, पानीपत, कैथल, पंचकूला, फरीदाबाद, झज्जर, फतेहाबाद, नूंह, पलवल और चरखी दादरी हैं.
खेलों ने दिलाई हरियाणा को एक पहचान
जब भी हरियाणा का नाम सामने आता है तो जाहिर तौर पर जिक्र होता है खेलों का. हरियाणा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाई. आज विश्व भर में शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां हरियाणा से अच्छे पहलवान हो. कुश्ती, मुक्केबाजी, हॉकी, निशानेबाजी और एथलेटिक्स में यहां कोई खिलाड़ियों का कोई जवाब नहीं. सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, संदीप सिंह, बबीता फोगाट, नीरज चोपड़ा, रवि कुमार दहिया, बजरंग पुनिया जैसे कई खिलाड़ी इस राज्य से निकले और आज देश-दुनिया में शानदार प्रदर्शन कर पदक जीत रहे हैं. 2020 टोक्यो ओलंपिक में सबसे अधिक हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश के लिए पदक जीते. नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल, रवि कुमार दहिया ने सिल्वर और बजरंग पुनिया ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.
एक नजर हरियाणा की राजनीति पर
हरियाणा राज्य में 90 विधानसभा और 10 लोकसभा की सीटें हैं. शुरुआती दौर में हरियाणा दलबदल की राजनीति के लिए पूरे देश भर में पहचान गया. चौटाला परिवार के इर्द-गिर्द ही प्रदेश की राजनीति रही. हरियाणा राज्य के गठन के समय देवीलाल चौटाला किसानों और गरीबों के पसंदीदा नेता थे. हरियाणा की सत्ता पर लंबे समय तक लालों का कब्जा जा रहा. हालांकि बीच के 10 सालों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कार्यकाल रहा लेकिन 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार बनी और फिर से लाल युग शुरू हो गया.
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