गुरुग्राम । गुरुग्राम शहर में खुले में नमाज अदा करने को लेकर हों रहा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शुक्रवार को हिंदु संगठन संयुक्त हिंदु संघर्ष समिति के सदस्यों ने गुरुग्राम के सेक्टर-12 ए में उस जगह पर गोवर्धन पूजा की, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग हर हफ्ते नमाज अदा किया करते थे. इस पूजा में भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा भी शामिल हुएं जिसके बाद सियासी घमासान मचा हुआ है. हालांकि गुरुग्राम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को उस जगह पर नमाज अदा नहीं की जानी थी.
गोवर्धन पूजा के बाद कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हिंदु संघर्ष समिति ने रास्ता दिखाया है कि अपने विचारों को शांतिपूर्ण तरीके से कैसे रखा जाता है. उन्होंने सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर विभिन्न धर्मों, पंथों और संप्रदायों के लोग हर हफ्ते एक दिन खुले सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा लेते हैं तो इसके चलते सभी सड़कें और पार्क अवरुद्ध हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि लोगों को दफ्तर, अस्पताल, बाजार आदि जगहों पर जाने के लिए आजादी चाहिए. अगर एक समुदाय विशेष के लोग हर हफ्ते एक दिन लोगों की आजादी में बाधा डालें तो इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती हैं. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि इन लोगों द्वारा ऐसा ही तमाशा पहले शाहीन बाग में भी किया गया था.
तमाशा सड़कों को बाधित करता है
कपिल मिश्रा ने सवाल किया कि क्या शाहीन बाग में किए गए तमाशे की वजह से सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में सबको प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन आस्था के नाम पर सड़कें बाधित करने की अनुमति किसी को भी नहीं है.
बता दें कि हिंदु संघर्ष समिति ने पहले ऐलान किया था कि वह नमाज का विरोध करने के लिए सभी जगहों पर गोवर्धन पूजा करेगी लेकिन गुरुग्राम के सेक्टर-12 ए में 29 अक्टूबर को जुमे की नमाज में कथित रूप से बाधा डालने के आरोप में पुलिस ने करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया था.
पुलिस बल की रही तैनाती
नमाज के विरोध को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. विभिन्न हिंदु संगठनों के प्रदर्शनकारियो ने पिछले शुक्रवार को नमाज के विरोध में ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे. बता दें कि 3 साल पहले गुरुग्राम जिला प्रशासन ने शहर में जुमे की नमाज अदा करने के लिए 37 स्थान निर्धारित किए थे, जिसके बाद कुछ हिंदु संगठनों ने जमकर इसका विरोध किया था. लेकिन अब पिछले एक महीने से नमाज के विरोध में हर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के चलते गुरुग्राम शहर सुलग रहा है और हर वक्त दोनों समुदायों के लोगों के बीच टकराव की आंशका बनी रहती है.
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