नारनौल। ला-नीना मौसमी प्रणाली के प्रभाव का इस बार शीत ऋतु में जबरदस्त असर देखने को मिलेगा. इस बार शीत ऋतु में ठंड अपना रिकार्ड तोड़ सकती है और उत्तरी भारत के राज्यों में इस महीने के मध्य में ठंडी हवाएं चलने की प्रबल संभावना है. पूरे उत्तरी भारत के राज्यों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में लगभग 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होगी. वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र पर एक हल्का वेस्टर्न डिस्टर्बेंस प्रणाली का प्रभाव बना हुआ है जिसके चलते इन क्षेत्रों में हल्की बादलवाही बनी हुई है.
आने वाले 2-3 दिनों के बाद इन राज्यों से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव हट जाएगा और पवनों की दिशा बदल कर उत्तरी हों जाएंगी, जिसके चलते शीत लहरों का आधिपत्य उत्तर भारत के राज्यों पर प्रभाव डालना शुरू कर देंगे. अगले सप्ताह से तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिल सकती है.
राजकीय महाविद्यालय नारनौल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि बुधवार को हरियाणा के नारनौल में तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस, महेन्द्रगढ़ में 10.7 डिग्री, यमुनानगर में 10.5 डिग्री और कैथल में 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आगे इस तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी. उन्होंने बताया कि हरियाणा, दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र की आबो-हवा अभी भी प्रदुषित बनी हुई है.
केन्द्रीय पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को हवा में प्रदुषण का स्तर जींद में 405, कैथल में 409, गाजियाबाद में 430 दर्ज किया गया जो आमजन के लिए अच्छी स्थिति नहीं है, क्योंकि सामान्य स्थिति 0-50 होती है. इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन व त्वचा संबंधी बीमारी हो रही है.
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