चरखी दादरी । हरियाणा का चरखी दादरी भारत के इतिहास में सबसे भयंकर विमान हादसे का गवाह रहा है. बता दे कि यहां 25 साल पहले गांव टिकाण कलां मे मालवाहक विमान और यात्री विमान में टक्कर हो गई थी. यह हादसा 12 नवंबर 1996 की शाम को हुआ था. सऊदी अरेबिया एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस के दो हवाई जहाज आसमान में टकरा गए थे. इनका मलबा लगभग 10 किलोमीटर दूर तक गिरा था.
चरखी दादरी प्लेन हादसे को 25 साल हुए पूरे
यह हादसा इतना भयानक था कि शव रखने के लिए दादरी का सरकारी अस्पताल परिसर भी छोटा पड़ गया था. इस दुर्घटना में 231 भारतीय, सऊदी अरब के 18, नेपाल के 9, पाकिस्तान के तीन, अमेरिका के दो ब्रिटिश नागरिकों की मौत हुई थी. वही 84 लोगों की पहचान नहीं हो पाई थी. एक जहाज टिकाण कला के खेतों में गिरा था. इस हादसे में 349 लोगों की मौत हुई थी. इस वजह से इस हादसे को दुनिया की प्रमुख हवाई दुर्घटनाओं में शामिल किया जाता है. वही चरखी दादरी प्रशासन इस हादसे में मारे गए लोगों की स्मृति को सजाने का काम शुरू कर चुका है.
टकराने वाले विमानों में मालवाहक विमान सऊदी अरब का, जबकि यात्री विमान कजाकिस्तान का था. यात्री विमान द्वारा राजधानी दिल्ली से उड़ान भरी गई थी. वही दूसरा विमान दिल्ली में उतरना था. शाम 6:30 पर सऊदी अरब का विमान 14000 फीट की ऊंचाई पर था, वही कजाकिस्तान का अभिमान 15000 फीट की ऊंचाई से नीचे उतर रहा था, इसी दौरान दोनों में आमने सामने टक्कर हो गई. जिसकी वजह से 349 लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और मुख्यमंत्री बंसीलाल ने भी मौके पर निरीक्षण किया था. यह हादसा विश्व के 10 बड़े हवाई हादसों में दर्ज किया गया था.
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