नई दिल्ली । डाकघरों की पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक बचत योजना है. जो अपने गारंटीड रिटर्न और कर लाभों के लिए जानी जाती है. सरकार उपयोगकर्ताओं को भारतीय डाक घरों में पीपीएफ खाता खोलने की अनुमति देती है. बता दें कि डाकघर पीपीएफ खाता वही है जो प्रमुख विशेषताओं, ब्याज दरों और अन्य नियमों के संदर्भ में सार्वजनिक या निजी बैंकों के साथ खोले गए हैं. डाकघर में पीपीएफ खाता खोलने की प्रक्रिया भी समान है. इसके लिए दस्तावेजों के समान सेट की आवश्यकता होती है.
पीपीएफ को 1968 में वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा लांच किया गया था. ज्यादातर निवेशक खाते की लंबी अवधि यानी 15 साल के कारण पब्लिक प्रोविडेंट फंड को रिटायरमेंट सेविंग टूल मानते हैं. डाकघर में पीपीएफ खाते को सक्रिय रखने के लिए हर साल कम से कम एक बार खाते में जमा करना होगा. वही इसके अलावा आप मैच्योरिटी पर 5 साल के ब्लॉक में खाते का विस्तार भी कर सकते है.
ऐसे खोले डाकघर मे पीपीएफ खाता
- आप को आवेदन पत्र नजदीकी भारतीय डाकघर में पीपीएफ खाता ऑनलाइन से प्राप्त करना होगा.
- इसके बाद आवेदन को भरकर फॉर्म आवश्यक केवाईसी दस्तावेजों, फोटो आदि की सत्यापित प्रतियों के साथ पास के भारतीय डाकघर में जमा करवाए.
- वही डाकघरों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि आप मूल केवाईसी दस्तावेज अपने साथ लाए हैं.
- सत्यापन उद्देश्यों के लिए खाता खोलने के लिए आपको ड्राफ्ट चेक का प्रयोग करके प्रारंभिक राशि भी जमा करानी होगी.
- योजना के लिए आवश्यक न्यूनतम वार्षिक योगदान 500 रूपये है, एक बार जब आपका डाकघर में पीपीएफ खाता चालू हो जाता है तो खाते के लिए एक पासबुक प्रिंट की जाती है.
पीपीएफ खाते की विशेषताएं
- 1 वित्त वर्ष के दौरान डाकघर में पीपीएफ खाते में अधिकतम डेढ़ लाख रुपए राशि जमा करवा सकते है.
- डाकघरों मे पीपीएफ में जमा की संख्या सालाना 12 पर सीमित है.
- पीपीएफ एक ईईई निवेश है यानी कि निवेश की गई मूल राशि, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि सभी कर मुक्त है.
- खाते को सक्रिय रुप से चालू रखने के लिए सालाना न्यूनतम निवेश ₹500 है.
- पीपीएफ खाते पर सालाना चक्रवर्ती ब्याज 31 मार्च को दिया जाता है.