समालखा में बंदर पकड़ने से पहले फाइल पकड़ना बड़ी जंग, पढ़िए बदहाल सिस्टम की खबर

पानीपत । पानीपत जिले के समालखा क्षेत्र में बंदरों ने आतंक मचा रखा है. खासकर नामुंड गांव में तो हालात इस कदर बदतर है कि लोगों को अपने घर की छत पर जाने से डर लगने लगा है. प्रशासन से गुहार लगाएं डेढ़ साल का समय बीत चुका है लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

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ग्रामवासियों ने समस्या को बीडीपीओ, डीडीपीओ से लेकर डीसी के सामने गुहार लगाई. डीडीपीओ से हरी झंडी मिलने के बाद बीडीपीओ ने वन मंडल अधिकारी से गत 4 अक्टूबर को इसका एस्टीमेट मांगा था लेकिन डेढ़ महीना बीत जाने पर भी एस्टीमेट तैयार नहीं हुआ है. बता दें कि 28 मई 2020 नामुंड गांव की पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित कर बीडीपीओ से बंदर पकड़वाने की फरियाद लगाई थी.

ग्राम पंचायत ने बंदर पकड़ने से लेकर कालेसर जंगल में छोड़ने तक का खर्च उठाने की हामी भरी थी. बीडीपीओ ने 4 अक्टूबर 2021 को जिला वन मंडल अधिकारी से इस पर आने वाले खर्च का ब्यौरा मांगा था. उसके आने के बाद ही पंचायत से फंड की मांग की जाएगी. फिर बंदर पकड़ने का टेंडर जारी किया जाएगा.

डेढ़ साल में नहीं पूरी हुई दस्तावेज कार्रवाई

सरपंच समेत कई ग्रामवासियों ने बताया कि डेढ़ साल बीत जाने पर भी अधिकारियों द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हुई है. जबकि ग्राम पंचायत पूरा खर्च उठाने को तैयार हैं. ग्रामवासियों में बंदरों के आतंक से भय का माहौल बना हुआ है. लोगों का घरों से बाहर निकलना व अपनी छतों पर चढ़ना मुश्किल हो गया है. हर समय हादसे का डर बना रहता है.

बच्चों का आंगन में खेलना दुभर हो गया है. बंदर बच्चों समेत बड़ों पर कई बार हमला कर चुके हैं. वहीं इस मामले को लेकर जब बीडीपीओ कार्यालय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वन विभाग से एस्टीमेट आने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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