चंडीगढ़ | हरियाणा में अब नागरिकों को जमीनों की खरीद-फरोख्त, निशानदेही व इंतकाल चढ़ाने में अब तमाम अड़चनों का सामना नहीं करना पड़ेगा. अब जमीनों का इंतकाल चढ़ाने में पटवारी तथा फील्ड अफसरों की मन मर्जी नहीं चलेगी. इंतकाल चढ़ाने में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग एक विशेष मुहिम चलाएगा.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के एक विशेष मुहिम चलाएगा जिसके अंतर्गत इन लोगों के इंतकाल लंबित है. वे संबंधित तहसील या उस तस्वीर में जाकर इंतकाल करवा सकेंगे. इसके लिए सभी जिलों के डीसी को आदेश भी दे दिए गए हैं. एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने इसके लिए हिदायत जारी की है साथ ही सभी लंबित इंतकाल का विवरण भी मांगा है ताकि जिले के अधिकारियों की जवाबदेही को तय किया जा सके.
इंतकाल चढ़ाने से संबंधित विशेष मुहिम
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि जमीनों के इंतकाल चढ़ाने से संबंधित मामलों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी से लंबित मामलों की रिपोर्ट भी मांगी गई है. इंतकाल छुड़वाने को लेकर विशेष मुहिम राजस्व विभाग द्वारा चलाई जाएगी जिसके लिए गांवों कस्बों एवं शहरों में मुनादी कराएंगे. इस विशेष मुहिम के लिए जिलों के डीसी को आदेश भी दिए गए हैं.
रजिस्ट्री के साथ खुद अपडेट हो जाएगा इंतकाल
राजस्व विभाग दोबारा इंतकाल का पूरा सिस्टम कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है. अब ऐसा सॉफ्टवेयर भी बनाया जाएगा जो रजिस्ट्री के साथ ही इस तरह के विवादों का भी समाधान करेगा. जमीन की खरीद-फरोख्त के बाद जब तहसील में रजिस्ट्री होगी. तो साथ ही कंप्यूटर पर जमीन का इंतकाल भी दर्ज हो .इसके लिए विभाग को अलग से प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता नहीं होगी.
विशेष मुहिम की आवश्यकता क्यो पड़ी
दरअसल, सरकार के पास इस तरह की शिकायतें पहले भी आती रही हैं. इन पर संज्ञान लेते हुए पीके दास ने ये अदेश जारी किए हैं. राजस्व विभाग ने तय किया है कि जल्द से जल्द सभी लंबित इंतकाल के मामले खत्म किए जाएंगे. प्रदेश में जिन लोगों ने पिछले दिनों में जमीनों की खरीद-फरोख्त की है. या फिर परिवार में किसी का निधन हो गया है तो वे अपनी जमीन का इंतकाल दर्ज करवा सकेंगे.
सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीन आने वाली तहसीलों व उप-तहसीलों से लंबित इंतकाल की पूरी रिपोर्ट तैयार करके मुख्यालय भेजें. सरकार यह जानना चाहती है कि कुल कितने मामले लंबित हैं और किस जिले में इस तरह के मामलों में अधिक लापरवाही हो रही है. जिलों से रिपोर्ट आने के बाद नये साल से इस योजना को प्रमुखता के साथ सिरे चढ़ाया जाएगा. वहीं प्रदेश में पटवारियों के खाली पदों का भी ब्यौरा मांगा है. खाली पदों की रिपोर्ट आने के बाद सरकार भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है.
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