प्रदेश में महिला समानता की ओर सराहनीय कदम बढ़ाते हुए भाजपा- जजपा सरकार अगले विधानसभा सत्र में महिलाओं को पंचायती चुनाव में 50 फीसद आरक्षण देने का बिल लाने जा रही हैं. सरकार के इस कदम की पूरे प्रदेश में बहुत अधिक तारीफ की जा रही है क्योंकि महिलाओं को राजनीतिक रूप से भी स्वावलंबी बनाने के लिए यह आवश्यक है ताकि उनका पंचायती राज में पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने यह घोषणा करते हुए बताया कि देश के 20 से अधिक राज्यों में यह व्यवस्था पहले ही है इसलिए हरियाणा भी प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने के पक्ष में है. वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ इस विधेयक को सत्र में रखेंगे.
साथ ही बीते दिनों अपने- अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 100 महिला सरपंच व पंचो को सरकार ने स्कूटी देने का फैसला भी लिया है ताकि बाकी महिलाओं को भी प्रोत्साहन मिले. जिससे वे भी अपने कार्य को पूरी ईमानदारी व सत्यनिष्ठा के साथ करने को प्रतिबद्ध व प्रोत्साहित हों.
लगभग दो तिहाई राज्यों में पहले से लागू है 50 प्रतिशत आरक्षण
साल 2005 में महिलाओं को पंचायती राज चुनाव में 50% आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य बना. हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश इत्यादि राज्यों में भी महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण प्राप्त है. वैसे तो वर्तमान समय में आरक्षण की व्यापकता लगभग सभी क्षेत्रों देखी जा सकती है. चाहे किसी नौकरी, पदोन्नति, सिनेमा हाल की बात हो या किसी अयोजन की, इसलिए राजनीति को इससे दूर रखना मुमकिन नहीं. वैसे भी कई अध्ययनों के अनुसार जहाँ महिलाओं ने राजनीतिक कार्यभार संभाला है, उस क्षेत्र में समानता के साथ विकास हुआ है जो लोकतांत्रिक देश के लिए अतिआवश्यक है.
इसलिए अब हरियाणा में भी महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलने से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी तथा साथ ही महिला सशक्तिकरण, स्त्री शिक्षा व लैंगिक समानता की ओर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा. जिससे प्रदेश में महिलाओं के विकास को नए आयाम प्राप्त होंगे.
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