नई दिल्ली | इस बीती 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 सैन्य अधिकारी और जवान शहीद हो गए थे. पूरा देश अभी तक सीडीएस को खोने के गम से उभरा भी नहीं है कि उनके साले ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर सरकार पर आरोप लगाए हैं. यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि विपिन और मधुलिका रावत के ठीक अंतिम संस्कार के समय शहडोल में उनके घर में बनी पुरखों की समाधि नष्ट कर दी गई. यह लिखते हुए उन्होंने न्याय की मांग की है.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा ‘कि जिस दिन जीजाजी बिपिन रावत विधि मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार किया जा रहा था क्विक उसी समय भारत सरकार के आदेश पर शहडोल स्थित हमारे घर के कैंपस में बनी पुरखों की समाधि नष्ट कर दी गई और पेड़ काट दिए गए यशवर्धन का ऐसा कहना है कि जमीन अधिग्रहण किए बिना ऐसा किया गया नेशनल हाईवे बनाने के लिए जमीन खाली की गई है’.
जानिए पुलिस पर क्या लगाए आरोप
बिपिन रावत के साले यशवर्धन सिंह ने इसी पोस्ट में आगे लिखा कि हमारे किसी हस्तक्षेप पर स्थानीय पुलिस को हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है. यशवर्धन सिंह ने इस मामले में बताया कि उनकी उस जमीन पर भी निर्माण किया जा रहा है, जिसका अधिकरण ही नहीं किया गया जबकि पहले से ही अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है.
गृह मंत्री ने जानिए क्या कहा
मामला सामने आने पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर ध्यान दिया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि यशवर्धन जी की सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट मेरे देखने में आई है. मैंने इस विषय में एसपी शहडोल से बातचीत कर निर्देश दिए हैं. पूरा मामला मेरी जानकारी में लाएं बिना पुलिस किसी भी तरह का कोई कदम उनके या उनके परिवार के खिलाफ नहीं उठाए. अगर पुलिस ने किसी भी तरह का पूर्वाग्रह इस मामले में बरता है और किसी भी तरह की अवैधानिक कार्रवाई की गई है तो मैं खुद पूरे मामले को देखूंगा जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.
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