पानीपत | बड़े विद्वानों का कहना है कि जिस भी काम में व्यक्ति की लग्न होती है. उसका सकारात्मक परिणाम देखने को अवश्य मिलता है. इसका उदाहरण बने है, सौदापुर गांव के मराठा प्रदीप टूर्ण. आपको बता दें कि प्रदीप टूर्ण बीटेक पास है. साथ ही वह नोएडा में एयरपोर्ट पर एक कंपनी में इलेक्ट्रिक इंजीनियर थे किंतु प्रदीप को बचपन से ही पशुपालन का बड़ा शौक था. इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी बाद में, यह शौक पशुपालन से बदलकर अच्छी नस्ल के पशु तैयार करने में बदलता चला गया. उनका एक कटड़ा चांद पंजाब में चैंपियन बन गया है. इसकी कीमत अभी तक करोड़ों में मानी जा रही है.
जानिए विस्तार से
प्रदीप टूर्ण ने मुर्हरा नस्ल के कटड़े को तैयार किया है. प्रदीप के इस कटड़े ने पंजाब में डेयरी एवं एग्री एक्सपो चैंपियनशिप जीती और चैंपियन बन गया है. प्रदीप ने बताया कि उनका इस कटडे चांद के साथ इतना लगाव है कि उनकी आवाज सुनकर चांद घर की रसोई तक भी पहुंच जाता है. पंजाब के जगराओं मंडी में आयोजित पीडीएफ के इंटरनेशनल डेयरी एवं एग्री एक्सपो चैंपियनशिप में लगभग 3000 पशुपालक पहुंचे थे प्रतियोगिता में चांद में सबसे कम उम्र का होते हुए भी चैंपियनशिप जीती.
राष्ट्रीय पशु प्रदर्शनी में जीता था पहला स्थान
आपको बता दें कि इससे पहले भी चांद कहीं पर कविताएं जीत चुके हैं. 2 वर्ष 9 माह की आयु में नेहरा जिला फतेहाबाद में आयोजित राष्ट्र स्तरीय पशु प्रदर्शनी में 2 से 4 दांत कैटेगरी में हिस्सा लिया. इस प्रदर्शनी में देशभर के तकरीबन 600 पशुओं ने हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता में भी चांद ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था. इस प्रतियोगिता के पुरस्कार स्वरूप डेयरी विभाग के उपनिदेशक ने प्रदीप को नगद राशि, प्रथम स्थान का प्रमाण पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया था.
जानिए चांद के खाने पर कितना होता है, प्रतिदिन खर्च
प्रदीप ने कहा कि वह कटनी को चना चने का आटा गेहूं बिनोला खल हरी सब्जियां व चारा खिलाते हैं जिसके अलावा हर रोज 5 लीटर दूध भी पिलाते हैं खाने की डाइट में दिनचर्या पशु चिकित्सकों की सलाह के अनुसार चलती है इसके साथ ही हर रोज 5 किलोमीटर की शहर भी कर आते हैं. चांद दिन में दो से तीन बार रहता है गर्मियों में कूलर की हवा में गद्दे पर सोता है. जिसमें प्रतिदिन तकरीबन 2 हजार रुपये का खर्च आता है.
जाने चांद ने किसको हराकर जीती, प्रतियोगिता
चांद के पिता सुल्तान थे सुल्तान फिल्म साउथ अफ्रीका के एक व्यापारी ने 12 करोड रुपए की कीमत लगाई थी. कुछ दिनों पहले हृदय गति रुकने से सुल्तान की मौत हो गई थी. सुल्तान का मुकाबला पहले कई बार युवराज के साथ होता था इस प्रतियोगिता में युवराज के बेटे चांद वीर ने भी हिस्सा लिया था. चांद वीर की कीमत 9 करोड रुपए तक लग चुकी है. इसके अतिरिक्त गतौली के मूल रुस्तम ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था चांद अन्य नाम ही भूल को पहचानते हुए चैंपियन बना है.
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