नई दिल्ली । यदि आप भी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी चला रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. बता दे कि दिल्ली सरकार ने 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की तैयारी कर ली है. इन वाहनों को सिर्फ उसी स्थिति में ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानि एनओसी दिया जाएगा, जब वो किसी दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करेंगे. यह नियम एक जनवरी 2022 से लागू होंगे.
डीजल गाड़ी कैसे बनेगी इलेक्ट्रिक
परिवहन विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए, उसमें कहा गया कि 15 साल पूरे कर चुकी डीजल की गाड़ी को NOC नहीं दिया जाएगा. डीजल की 10 साल पुरानी और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ी को शर्तों के साथ दूसरे राज्य ले जाने के लिए एनओसी दी जाएगी. वहीं दूसरी तरफ सरकार ने अपने आदेशों में इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन भी दिया है. जिसके तहत यदि आप अपनी पुरानी गाड़ी को चलाना चाहते हैं तो उसे इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट करवा सकते हैं.
डीजल या पेट्रोल की गाड़ी को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने के लिए एक इलेक्ट्रिक मोटर या इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट की आवश्यकता होती है. बाजार में कई कंपनियां इस तरह की रिट्रोफिट इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट किट दे रही है. वहीं दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा कि पुरानी डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलवाने के लिए गाड़ी मालिक उसमें मान्यता प्राप्त कंपनियों की इलेक्ट्रिक किट को ही फीट करवाए. पुरानी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलने का खर्च नई गाड़ी के 25% के बराबर तक पड़ता है. बता दे कि मारुति ऑल्टो जैसी छोटी कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने का खर्च लगभग ₹2 लाख तक होता है. वही बड़ी गाड़ी के लिए आपको ₹4 लाख खर्च करने पड़ेगे.
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