नई दिल्ली । कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन फिर से देश-दुनिया के आमजन को डरा रहा है. भारत में ओमीक्रॉन के खिलाफ तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पत्र लिखने के एक दिन बाद एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने नई चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा है कि वैक्सीन और कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन ही कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते प्रसार को रोकने के उचित तरीके हैं. बता दें कि भारत में 2 दिसंबर को ओमीक्रॉन का पहला केस सामने आया था और उसके बाद आज तक देश के विभिन्न राज्यों से 213 ओमीक्रॉन के केस सामने आ चुके हैं.
ओमीक्रॉन से बचाव के केवल दो तरीके
एम्स दिल्ली निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ओमीक्रॉन एक अधिक संक्रामक वैरिएंट हैं. हमें खुद का बचाव करने हेतु केवल दो तरीके अपनाने की जरूरत है. पहला है वैक्सीन लगवाना और दूसरा है कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना. इससे पहले डॉ गुलेरिया ने कहा था कि ओमीक्रॉन से बचाव हेतु मौजूदा वैक्सीन में बदलाव किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान वैक्सीन प्रभावी है , लेकिन नए वैरिएंट के आने के साथ उनकी प्रतिरक्षा कम हो सकती है. इस बारे में अध्ययन भी किया जा रहा हैं कि क्या हमारे पास एक दोहरी क्षमता वाली कोविड-19 वैक्सीन हो सकती है. मान लें कि डेल्टा वैरिएंट और बीटा वैरिएंट को एक वैक्सीन में मिला दें तो यह एक दोहरी क्षमता वाली वैक्सीन बनेगी.
होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं अधिकांश मरीज
भारत में सामने आए ओमीक्रॉन मामले ज्यादातर विदेशी हैं. जिसका अर्थ है कि या तो इनकी ट्रेवल हिस्ट्री विदेशों की है या वो किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आए हैं जो किसी दूसरे देश से लौटा है. सभी मामले माइल्ड यानि कम प्रभाव वाले रहे हैं और अभी तक कोई बड़ा लक्षण सामने नहीं आया है. अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं.
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