जींद । हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को 13 महीने बाद अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश मिला है. चौटाला ने कहा कि हालात ऐसे थे कि वह यहां नहीं आ सके. वह पिछले साल 20 नवंबर को उचाना कलां आया था. इसके बाद किसान आंदोलन के चलते वह यहां बीच में नहीं आ सके. पिछले साल 24 दिसंबर को जब दुष्यंत चौटाला ने उचाना आने की कोशिश की तो करसिंधु गांव में बने उनके हेलीपैड को किसानों ने उखाड़ दिया और उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला किसान आंदोलन के दौरान अपने खुद के हलके के में भी नहीं जा पाए थे. बता दे कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों ने हरियाणा में सभी राजनीतिक रैलियों का विरोध किया जिसके कारण अधिकतर रैलियां और समारोहों को रद्द करना पड़ा था. गौरतलब है कि उपमुख्यमंत्री आंदोलन के दौरान किसी भी रैलियों में उपस्थित नहीं हो पाए. 8 मई को जब वे कोरोना को लेकर अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे तो किसानों ने बड़ी संख्या में जींद में डेरा डाल दिया था. जिसके चलते यह दौरा स्थगित कर दिया गया. इसी महीने एक दिसंबर को जब दुष्यंत चौटाला ने उचाना के दरौली खेड़ा में एक शादी समारोह में शामिल होने की कोशिश की तो किसानों ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया था.
जानिए उप मुख्यमंत्री ने क्या कहा
बता दें किअब दुष्यंत चौटाला को 13 महीने बाद उनके प्रकाश में कार्यक्रम करने का मौका मिला है. रविवार को उन्होंने कई कार्यक्रम हल्के-फुल्के ढंग से किए. दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हालात ऐसे थे कि लोग उनके बीच नहीं आ सकते थे. दुष्यंत ने कहा कि मैं आंदोलन के कारण माहौल खराब नहीं करना चाहता था, इसलिए लोगों के बीच नहीं आया.
जानिए चुनाव लड़ने वाले किसानों पर क्या कहा
वहीं दुष्यंत ने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं का मन पहले से ही था कि उन्हें चुनाव लड़ना है, इसलिए ज्यादातर किसान नेताओं ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बता दें कि दुष्यंत चौटाला ने 2019 में उचाना सीट से बीजेपी के मौजूदा विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता को 47402 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी.
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