कैथल | हरियाणा राज्य कृषि और किसानों के नाम से जाना जाता है. आज हम आपको जिस किसान के बारे में बताने जा रहे हैं वह अक्सर अपने अनोखे आइडिया के कारण चर्चा में बने रहते हैं. कृषि और विज्ञान को मिलाकर देश और राज्य में कहीं भी कोई विचार-मंथन-संगठन होता है तो कलोरम का किसान ईश्वर कुंडू ऐसे कार्यक्रमों में अक्षर होते हैं. पिछले 10 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कृषि से संबंधित किसी कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया हो. महान कृषि वैज्ञानिकों के बीच उनकी उपस्थिति भी कई लोगों को हैरान करती है. लेकिन वे भी उनकी उपलब्धि के कायल हैं.
जानिए विस्तार से
आपको बता दें कि ईश्वर कुंडू किसान वैज्ञानिक हैं, जिनके जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन में किया जाता है. पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल से ही उनके तैयार कीटनाशक का उपयोग किया जाता है. इस उपलब्धि के लिए दसवीं पास 2.5 एकड़ के इस किसान का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और हरियाणा विज्ञान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले विज्ञान महोत्सव में राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता ईश्वर कुंडू मंगलवार को मुख्य वक्ता होंगे. यह कार्यक्रम ऑनलाइन होगा. इसमें वह किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को बताएंगे कि कैसे जैविक कीटनाशक पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य की रक्षा भी कर सकते हैं. कुंडू का दावा है कि उन्होंने जो कीटनाशक बनाए हैं, वे गेहूं और धान की उपज को कम नहीं करते, बल्कि बढ़ाते हैं. हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उनसे मिले थे.
ईश्वर कुंडू ने कीटनाशक की दुकान खोली थी
ईश्वर कुंडू कहते हैं, मैंने अपने गांव कैलाम कृषि कीटनाशकों की दुकान खोली थी. एक दिन मैंने वहीं बैठकर सोचा, मैं क्या कर रहा है मैं जहर बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा हूं और उसी दिन से हानिकारक कीटनाशकों का विकल्प खोजने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया. साल 2000 में उन्होंने जैविक पौधों पर शोध शुरू किया और चार साल में उनके नतीजे आने शुरू हो गए. साल 2004 में उन्होंने कमल-505 कर अपना खुद का जैविक कीटनाशक तैयार किया. बीज उपचार के लिए इससे आगे बढ़कर, कुंडू ने कमल केसरी उत्पाद विकसित किया. आज इनके द्वारा बनाए गए जैविक कीटनाशकों की आपूर्ति हरियाणा के साथ-साथ पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को भी की जाती है. उन्होंने 50 किसान युवकों को इस कार्य में लगा कर उन्हें रोजगार प्रदान किया है. इसी के चलते अब वह एक कृषि उद्यमी के रूप में भी स्थापित हो चुके हैं.
जानिए कैथल के किसान ईश्वर कुंडू ने क्या कहा
ईश्वर कुंडू को वर्ष 2007 में राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2010 में केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया था. यहां तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने उन्हें बिना डिग्री के कृषि वैज्ञानिक होने का खिताब भी दिया था. इसी वर्ष उन्हें कृषक वैज्ञानिक पुरस्कार, जगजीवन राम अभिनव किसान पुरस्कार, भारतीय बागवानी विभाग से सम्मान, राष्ट्रीय उद्योग रतन पुरस्कार, समाज रत्न पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान श्रेष्ठ
ईश्वर कुंडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान की सराहना भी की है. उन्होंने कहा कि यह उनके जैसे किसानों और विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोजगार में लगे युवाओं के लिए सबसे शक्तिशाली माध्यम है. इस अभियान में नवाचार, व्यापार और सामाजिक जिम्मेदारी शामिल है.
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