Edible Oil Price: खाने का तेल हो गया सस्ता, जानिए अब किस रेट पर मिलेगा तेल

नई दिल्ली । आमजन की रोजमर्रा की जरुरी चीजों की आसमान छूती कीमतों के बीच एक राहत भरी खबर है. अब आपको खाने का तेल (Oil)  सस्ता हो गया. बता दें कि कई प्रमुख एडिबल ऑयल कंपनियों ने खाने के तेल की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती कर दी है.

sarso ka tel

उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने सोमवार को कहा कि अदानी विल्मर और रुचि सोया सहित प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अपने उत्पादों के एमआरपी में 10-15 % की कटौती की है. महंगाई की चौतरफा मार झेल रहे आम आदमी के लिए यह खबर नए साल पर किसी तोहफे से कम नहीं है.

यह भी पढ़े -  CBSE बोर्ड ने खत्म किया छात्रों का इंतजार, 10वीं- 12वीं की वार्षिक परीक्षा की डेटशीट हुई जारी

जानिए किस ब्रांड के तेल हुए सस्ते

एसईए की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इमामी द्वारा हेल्दी एंड टेस्टी ब्रांड पर,बंज द्वारा डालडा, गगन, चंबल ब्रांड पर, जेमिनी द्वारा फ्रीडम सूरजमुखी ब्रांड पर,अडानी विल्मर द्वारा फॉर्च्यून ब्रांड के तेलों पर, रुचि सोया द्वारा महाकोश, सनरिच, रुचि गोल्ड और न्यूट्रेला ब्रांड के तेलों की कीमतों में कटौती की गई है.

इसके अलावा गोकुल एग्रो द्वारा विटालाइफ़, महक एंड जायका ब्रांड पर,काफको द्वारा न्यूट्रीलाइव ब्रांड पर, फ्रिगोरिफिको एलाना द्वारा सनी ब्रांड पर और अन्य कंपनियों द्वारा भी खाद्य तेलों की कीमतों में कमी की गई है.

सरसों तेल भी हो सकता है सस्ता

उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कुछ दिन पहले तेल उद्योग की शीर्ष कंपनियों की एक बैठक बुलाई थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे आयात शुल्क में की गई कमी के बाद इस पर सकारात्मक पहल करें. उद्योग संगठन ने उम्मीद जताई है कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट आने के साथ घरेलू सरसों का भारी उत्पादन होने की उम्मीद के साथ नया साल उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आएगा.

यह भी पढ़े -  दिल्ली विस चुनाव के लिए AAP ने घोषित किए 11 प्रत्याशी, बीजेपी- कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को प्राथमिकता

सरकार ने उठाया ये कदम

एसईए ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण खाद्य तेल कीमतों में अत्यधिक तेजी से घरेलू उपभोक्ताओं के साथ साथ नीति निर्माता भी परेशानी से जूझ रहे थे. खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने इस साल कई बार रिफाइंड और कच्चे दोनों खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने का साहसिक कदम उठाया है.

यह भी पढ़े -  खुशखबरी: कश्मीर को सीधे दिल्ली से जोड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

आयात शुल्क में आखिरी कमी 20 दिसंबर को सरकार द्वारा की गई थी जब मार्च, 2022 के अंत तक के लिए रिफाइंड पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को 17.5% से घटाकर 12.5 % कर दिया गया था. सरकार के इस कदम से महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को निश्चित तौर पर राहत प्रदान हुई है.

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!

exit