नई दिल्ली । देश-दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने एक बार फिर से खौफ का माहौल बना दिया है लेकिन कोरोना वैक्सीन(Corona Vaccine) की दोनों डोज लगवा चुके लोगों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. सरकार ने वैक्सीनेशन के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज पर महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है.
वैक्सीन की दोनों डोज से 9 महीने सुरक्षा कवच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद उससे शरीर में बनी एंटीबॉडीज करीब 9 महीने या उससे भी ज्यादा समय तक सुरक्षा कवच का काम करती है. ऐसे में ऐतिहात के तौर पर वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का फैसला बिल्कुल उचित है. बता दें कि पहले चरण में कोरोना वॉरियर्स, गंभीर रोगियों और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज लगाने का निर्णय लिया गया है.
डॉ भार्गव ने कहा कि अगर आप वैक्सीनेशन के बाद कोरोना महामारी के संक्रमण से बच गए हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य लोगों के मुकाबले अधिक है. उन्होंने सभी लोगों से कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने का आग्रह करते हुए कहा कि इस बारे में किसी तरह की लापरवाही न बरतें और कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें तभी आप इस ख़तरनाक महामारी से अपने आप को सुरक्षित कर पाएंगे.
रिसर्च में हुई एंटीबॉडीज की पुष्टि
डॉ भार्गव ने बताया कि भारत में कोरोना वैक्सीन के असर पर 3 रिसर्च हुई है. इनमें से दो रिसर्च ICMR ने और एक मुंबई की लैब में हुई है. रिसर्च से जानकारी निकलकर सामने आई है कि 284 रोगियों पर 8 महीने, 758 रोगियों पर 7 महीने और 250 रोगियों पर 6 महीने तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रही जो एक बहुत अच्छा संकेत है. इसके अलावा अमेरिका में यह समय 10 महीने, चीन में 9 महीने और इंग्लैंड, अमेरिका, इटली, इजराइल में भी 10 महीने का रहा है.
बूस्टर डोज से कम होगा संक्रमण
डॉ भार्गव ने स्पष्ट किया कि बूस्टर डोज से संक्रमण का प्रभाव कम होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि संक्रमण की गंभीरता कम हो जाएगी और अस्पताल में भर्ती करने की गुंजाइश कम रहेगी. इसके अलावा मौतों के आंकड़ों में कमी आएगी जो एक सकारात्मक संदेश होगा.
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