भू-जल संकट से जूझ रहे गांवों के लिए लाल, गुलाबी, बैंगनी और नीली श्रेणियां तैयार, जानें हरियाणा सरकार की इस खास योजना के बारे में

चंडीगढ़ । हरियाणा में भू-जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है जो हम सभी के लिए एक चिंता का विषय है. हरियाणा सरकार ने गंभीर भू-जल संकट से जूझ रहे राज्य के 1780 गांवों को रेड जोन में शामिल किया है. हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण का जून 2020 तक की भू-जल स्तर गहराई के आधार पर प्रदेश को 7 जोन में बांटने का प्रस्ताव है. भू-जल स्तर के हिसाब से गांवों को गुलाबी, बैंगनी और नीली श्रेणियों में शामिल किया गया है. सीएम मनोहर लाल ने बताया कि गांव स्तर पर बेहतर जल प्रबंधन के लिए इस तरह के कदम उठाए जाना बेहद ही जरुरी है.

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जल संसाधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि सभी गांवों की जल स्तर गहराई के साथ पिछले 10 सालों (जून-2010 से जून- 2020) के गिरावट के आंकड़े जुटाए गए हैं और 30 मीटर पानी से अधिक गहराई वाले गांवों को गंभीर रूप से भू-जल संकटग्रस्त गांवों की सूची में शामिल किया गया है.

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रेड जोन वाले गांव

रेड जोन वाले 957 गांवों में भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष के बीच है. 707 गांवों में गिरावट दर 1.01-2.00 मीटर प्रति वर्ष के मध्य है. 79 गांवों में गिरावट दर 2.0 मीटर प्रति वर्ष से अधिक है.

गुलाबी श्रेणी वाले गांव

20.01 से 30.00 मीटर जल स्तर वाले गांवों को मध्यम भू-जल संकटग्रस्त गांवों को गुलाबी श्रेणी में शामिल किया है. जून 2020 के भू-जल स्तर के आंकड़ों के अनुसार इस श्रेणी में 1041 गांव आते हैं. पिछले 10 वर्षों के उतार-चढ़ाव के आधार पर 874 गांवों में भू-जल स्तर की गिरावट दर 0.00-1.00 मीटर प्रति वर्ष है. 102 गांवों में गिरावट दर 1.01-2.00 मीटर प्रति वर्ष है.

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बैंगनी श्रेणी वाले गांव

1.51 से 3.00 मीटर की जल तालिका वाले गांवों को सेमग्रस्त गांवों के रूप में वर्गीकृत किया है. ये गांव बैंगनी श्रेणी में शामिल किए हैं. पिछले 10 वर्षों के उतार-चढ़ाव के आधार पर 203 गांवों में हाई ट्रेंड है, जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है.

नीली श्रेणी वाले गांव

1.50 मीटर से कम जल स्तर वाले गांवों को गंभीर रूप से सेम ग्रस्त गांवों को नीली श्रेणी में शामिल किया है. पिछले 10 वर्षों के उतार-चढ़ाव के आधार पर 72 गांवों में हाई ट्रेंड है, जो 0.01 मीटर प्रति वर्ष से अधिक या बराबर है. 13 गांवों में हाई ट्रेंड दर्ज नहीं किया गया है.

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जल्द तैयार होगा पोर्टल

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सेम ग्रस्त खेतों में जलभराव और लवणीय मिट्टी के सुधार का काम जल्द शुरू होगा. इसके तहत उन्हीं किसानों की भुमि सुधार का कार्य किया जाएगा,जिनकी रुचि होगी और पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे.

किसान को कार्य लागत का 20% भुगतान भी करना होगा. सीएम ने कहा कि जल्द तैयार किए जाने वाले पोर्टल पर किसानों की सहमति लेकर क्लस्टर बनाएं जाएंगे. उन्होंने घटते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए स्थिति सुधारने के लिए राज्य को विभिन्न जोन में बांटने के निर्देश दिए थे. जिन गांवों में भूजल स्तर कम है, वहां अटल भूजल योजना के तहत उच्च गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जाएगा.

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