नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बैंकिंग सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बता दें कि खासकर उन तीन बैंकों की जिनके डूबने से देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इससे संबंधित हाल ही में एक सूची जारी की गई है. इस सूची में कहा गया है कि एसबीआई के साथ निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.
देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है यह तीन बैंक
यह तीनों ही बैंक देश की अर्थव्यवस्था के लिए इतने महत्वपूर्ण है कि अगर यह तीनों बैंक डूब जाते हैं तो देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. डी-एसआईबी के तहत आने वाले बैंकों को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वहीं जानकार बताते हैं कि यह ऐसे बैंक है यदि यह असफल हो जाते हैं इससे काफी नुकसान हो सकता है. ऐसे में नीतियों का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है जिससे महत्वपूर्ण बैंकों के लिए जोखिम कम से कम हो. डी-एसआईबी फ्रेमवर्क के अनुसार आरबीआई 2015 से कुछ बैंकों को चिन्हित कर उनके सिस्टमैटिक इंपॉर्टेंस स्कोर को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक खास श्रेणी में रखता है.
जानिये डी-एसआईबी फ्रेमवर्क के बारे में
इसमें उन बड़े बैंकों को रखा जाता है जिनके असफल होने का खतरा नहीं उठाया जा सकता. इस श्रेणी में शामिल बैंकों को अपने रिस्क वेटेड एसेट्रस का कुछ हिस्सा अतिरिक्त कॉमन इक्विटी tier-1 के रूप में रखना होता है. सीईटी -1 कैपिटल का वह हिस्सा है जिसे बैंक या कोई वित्तीय संस्थान इक्विटी के रूप में रखता है. टियर वन कैपिटल किसी बैंक या वित्तीय संस्थान की विशेष पूंजी होती है, जिसे रिजर्व के रूप में रखा जाता है. यह बैंकों की वित्तीय सेहत को भी बताता है. इसमें कॉमन स्टॉक्स डिस्कलोजड़ रिजर्व और कुछ अन्य एसेट्रस आते हैं. इस श्रेणी में बैंकों को बकेट में रखा जाता है सभी बकेट के लिए अतिरिक्त पूंजी को सीईटी वन की अलग-अलग आवश्यकता होती है.
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