पंचकुला । मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) में 5 साल की उम्र में छूट की घोषणा की है. पहले 18 वर्ष से कम आयु के लोग ही EWS का लाभ उठा पाते थे लेकिन अब हरियाणा सरकार की घोषणा के बाद 23 वर्ष से कम आयु के लोग भी EWS के पात्र होंगे.
EWS वर्ग के लोगों को मिलने वाला लाभ
दो योजनाएं जो विशेष रूप से EWS वर्ग के लिए तैयार की गई है वह है:- पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति और विदेशी अध्ययन के लिए शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी.
EWS की पात्रता
1.) जो व्यक्ति EWS के तहत आरक्षण का लाभ चाहता है उसकी आयु 23 वर्ष से कम होनी चाहिए. (पहले 18 वर्ष से कम आयु वाले लोग थे पात्र).
2.) उम्मीदवार की वार्षिक पारिवारिक आय 18 लाख रुपए से कम होनी चाहिए.
3.) उसके परिवार के पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए.
4.) आवासीय समतल क्षेत्र 1000 वर्ग फुट से कम होना चाहिए.
5.)अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में आवासीय भूखंड का क्षेत्र 100 वर्ग गज से कम होना चाहिए.
6.) गैर-अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में आवासीय भूखंड का क्षेत्र 200 वर्ग गज से कम होना चाहिए.
जाने क्या है EWS श्रेणी
भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) जनरल वर्ग से संबंधित लोगों की एक उप श्रेणी है जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय आठ लाख से कम है और जो एससी/एसटी/ओबीसी/एमबीसी (तमिलनाडु) जैसे किसी भी वर्ग से संबंध नहीं रखते हैं. यदि कोई उम्मीदवार जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त जातियों के अंतर्गत नहीं आता है व उसकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख की निर्धारित सीमा से कम है (या संबंधित राज्यों में सरकार द्वारा निर्धारित आय से कम है) तो उसे EWS श्रेणी के रूप में मान्यता दी जाएगी.
EWS का इतिहास
EWS बिल को लोकसभा में भारतीय सदन के निचले सदन में 8 जनवरी 2019 को पेश किया गया था और इसे उसी दिन पारित कर दिया गया था. EWS विधेयक 9 जनवरी को भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था. राष्ट्रपति ने 12 जनवरी 2019 को विधेयक को मंजूरी दी और इस विधेयक पर एक राजपत्र जारी किया गया जिसने इसे कानून में बदल दिया. 14 जनवरी 2019 को इस कानून को लागू करने वाला गुजरात पहला राज्य बन गया.