सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने की योजना पर हरियाणा, हिमाचल सरकारों के बीच होंगे MOU पर हस्ताक्षर

यमुनानगर ।  सालों पहले विलुप्त हो चुकी करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र रही सरस्वती नदी को एक बार फिर पुनर्जीवित करने की योजना बनाई जा रही है. जिसको लेकर हरियाणा और हिमाचल सरकारों के बीच शुक्रवार 21 जनवरी को एमओयू समझौते पर हस्ताक्षर होंगे. यह हस्ताक्षर हरियाणा के यमुनानगर जिले के आदि बद्री में किये जायेंगे. माना जाता है यह स्थल सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है. वही यह परियोजना जल संरक्षण, सिंचाई, पेयजल के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी खास भूमिका अदा करेगी.

Yamuna River

एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के मुताबिक हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने बताया -“हम 21 जनवरी, 2022 को हिमाचल प्रदेश के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं, ताकि नदी के शुरुआती बिंदु पर आदि बद्री बांध का निर्माण कर पूरे वर्ष प्रवाह बनाया रखा जा सके। इसके पहले चरण में नदी की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए पिहोवा तक नदी के किनारे पर्यटन स्थल बनाए जाएंगे. हमारी सरकार ने सरस्वती नदी के कायाकल्प के लिए 800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का प्रावधान सुनिश्चित किया है. सरस्वती नदी का अपना एक अस्तित्व है, जिसका उल्लेख प्राचीन भारतीय ग्रंथों में देखने को मिलता है. इसके साथ ही यह वैज्ञानिको की भी जिज्ञासा का विषय रहा है”

सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह ने बैठक के बाद बताया कि देश की प्राचीन संस्कृति से जुड़ी सरस्वती नदी को पुनर्जीवित करने की परियोजना के लिए बेहतर तालमेल से कार्य किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र के किसानों ने सरस्वती नदी के रास्ते में आने वाली जमीन की मंजूरी देने के साथ कुछ किसानों ने अपनी भूमि भी दान की है.

बताया जा रहा है सरस्वती नदी को फिर से जमीन पर प्रवाहित करने के लिए आदिबद्री में डैम का भी निर्माण होगा. कई साल की कवायद के बाद यह योजना अब धरातल पर उतरती दिखाई दे रही है. इस परियोजना से कई तरह के फायदे मिलने वाले है. इसके साथ ही राज्य ने स्कूली पाठ्यक्रम में सरस्वती नदी के इतिहास को भी शामिल करने का फैसला किया है.

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