नई दिल्ली । कोरोना महामारी की वजह से देश में कई तरह के बदलाव आए हैं. बच्चों के स्कूल से लेकर नौकरी तक घर से ही चल रही है. वहीं इसी बीच वर्क फ्रॉम होम का चलन भी बढ़ गया है जिस वजह से लोगों के कई तरह के खर्च भी बढ़ गए हैं. सबसे ज्यादा खर्च इंटरनेट, टेलीफोन, फर्नीचर और बिजली के बिल पर बढ़ा है. कोरोना महामारी से पहले लोगों को इस तरह के खर्चे की कोई टेंशन नहीं थी. वही अबकी बार के बजट में भी वर्क फ्रॉम होम करने वालों को बड़ी राहत मिल सकती है.
वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए बड़ी खबर
बता दें कि पिछले कुछ सालों से यूनियन बजट में नौकरी पेशा को सरकार की तरफ से कोई भी खास रियायत नहीं दी गई है. ऐसे में अब की बार उम्मीद जताई जा रही है कि लोंगो को वर्क फ्रॉम होम अलाउंस की सौगात मिल सकती है. पिछले दिनों टैक्स सर्विसेज और फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनी Deloitte india ने नौकरी पेशा करने वाले लोगों को वर्क फ्रॉम होम अलाउंस देने की मांग भी की है.
इस मांग में यह स्पष्ट कहा गया कि यदि सरकार सीधे तौर पर अलाउंस लोगों को नहीं दे सकती, तो वह आयकर में छूट का प्रावधान तो कर ही सकती है. इस कंपनी की मांग पर वित्त मंत्री ने विचार किया तो घर से काम करने वाले कर्मचारियों को ₹50000 तक का वर्क फ्रॉम होम अलाउंस मिल सकता है. इसी प्रकार ही इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने भी बजट को लेकर इसी तरह की सिफारिशें की है.
ICAI की तरफ से यह भी मांग की गई है कि टैक्सपेयर को स्टैंडर्ड डिडक्शन में रिलीफ देने के लिए लिमिट बढ़ाई जाने की आवश्यकता है. इनकम टैक्स के तहत अभी स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट ₹50 हजार है, इसे बढ़ाकर ₹1लाख किए जाने की मांग की जा रही है.
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