पंचकूला | गरीबी आज हमारे देश की बहुत ही विकराल समस्या बनी हुई है परंतु इनमें भी सबसे बड़ी समस्या अदृश्य गरीबी और बेरोजगारी है, जिसके चलते सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक गरीब लोगों को नहीं मिल पाता .इसलिए सरकार ने वास्तविक गरीब लोगों को पहचानने के लिए एक सर्वे करवाने की योजना की है.
जिसमें गरीब परिवार को पहचानने हेतु स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं द्वारा उन परिवारों का सर्वे किया जाएगा जो गरीबी रेखा या इससे नीचे जीवन यापन कर रहे हैं एवं इसके कारणों का पता लगाया जाएगा. यह सर्वे करने वाली महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. इस योजना को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया जा रहा है.
साथ ही इस सर्वे में परिवार के सदस्यों की आय , उनकी शिक्षा एवं जमीन इत्यादि के बारे में सभी जानकारियां जुटाई जाएंगी. जिससे इस बात का आकलन किया जा सके कि सरकार इनकी कल्याणकारी नीतियों तक पहुंच कैसे बना सकती है एवं कैसे इन्हें लाभ पहुंचा सकती है ?साथ ही सर्वे के माध्यम से सरकार द्वारा इन लोगों से यह भी पूछा जाएगा कि वह इनकी कैसे सहायता कर सकती है एवं सरकार से इनकी क्या अपेक्षाएं हैं.
मंत्रालय ने इससे जुड़ी महिलाओं को इस बारे में प्रोफार्मा भी भेज दिया है जो रिपोर्ट तैयार होने के बाद वापस मंत्रालय को भेजा जाएगा . जिसके बाद मंत्रालय द्वारा इन परिवारों को समृद्ध करने हेतु योजनाएं तैयार की जाएंगी एवं उनके कार्यान्वयन हेतु अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे . गौरतलब है कि लगभग 20000 परिवार हर जिले में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं जिनको ऊपर उठाकर उनका चहुंमुखी विकास करना ही सरकार का लक्ष्य है.
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