अब तूफान में भी नहीं गिरेंगे बिजली के खंभे, हरियाणा बिजली विभाग ने बनाई नई योजना

पंचकुला । हरियाणा में तूफानी हवाओं की वजह से बिजली की लाइनों व खंबो के गिरने के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसकी वजह से हरियाणा सरकार को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है, इसलिए हरियाणा सरकार तूफानी हवाओं के कारण बिजली के खंभों व लाइनों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने हेतु कई प्रकार के उपाय कर रही है जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान का सामना ना करना पड़े. विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह ने यह जानकारी आज हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे भाग के पहले दिन दी है. उन्होंने यह जानकारी विधायक डॉ० अभय सिंह यादव के द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न के जवाब में दी है.

Bijli Karmi

खम्बों व लाइनों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए सरकार की नीतियां

मंत्री रणजीत सिंह ने बताया है कि उन्नत विशेषताओं वाली LT और 11 KW लाइनों की नई कॉन्फ़िगरेशन बांटी गई है. खम्बों को गिरने से बचाने के लिए कई प्रकार के उपाय किए जा रहे हैं. इसमें खंभों को झुकने से बचाने हेतु ब्रेसिंग और बेलटिंग के साथ लाइन के प्रत्येक आठवें खंभे पर H-पोल लगाया जा रहा है. साथ ही प्रत्येक चौथे पोल पर विंड स्टे का भी प्रबंध किया जा रहा है. लाइनों के बीच में उचित दूरी को बनाए रखने के लिए और इसे झुकने से बचाने के लिए V शेप अथवा होरिजेंटल क्रॉस आर्म्स के लिए ब्रेसिंग लगवाई जा रही है. खंबे का निर्माण करवाते समय बैकफिल की उचित रेमिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है.

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हरियाणा सरकार चलाएगी विशेष अभियान

मंत्री रणजीत सिंह ने बताया है कि सितंबर महीने से नवंबर महीने तक और अप्रैल महीने से जून महीने तक बिजली के कम लोड अवधि के दौरान एक विशेष अभियान चलाया जाता है. इस अभियान में बिजली की लाइनों के रास्ते में आने वाली पेड़ों की टहनियों को काटा जाता है. ताकि इनसे होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में मौजूद लाइनों को मजबूत करने, झुके हुए खंबे, पेड़ों को छूने वाली लाइनों, ढीले सैग, लंबे स्पेन आदि की पहचान करने के लिए एक बड़ा सर्वेक्षण किया जाएगा.

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उड़ीसा-आंध्र प्रदेश की प्रणाली अपनाई जाएगी

रणजीत सिंह ने यह भी बताया कि हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड बिजली लाइनों की अर्ध वार्षिक, हॉटलाइन, परी-मानसून अनुरक्षण भी कर रही है एवं ERP मॉड्यूल के तहत इसकी मॉनिटरिंग भी की जा रही है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में लगी हुई डिजाइनिंग 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के दबाव को सहने में सक्षम है परंतु कई बार यह देखा गया है कि चक्रवात के रूप में आने वाली तेज हवाएं टावरों को झुका देती हैं या घुमा देती है.
बिजली निगम द्वारा उड़ीसा और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से संपर्क किया जा रहा है क्योंकि वहां हर वर्ष ऐसे चक्रवाती तूफान आते रहते हैं. इन राज्यों से संपर्क करके हरियाणा में भी वहां की प्रणाली को लागू करने का विचार है.

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