चंडीगढ़ । मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा लार्ज स्केल लैंड मैपिंग को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक केअध्यक्ष तौर पर हिस्सा लिया. इस दौरान मनोहर लाल ने कृषि भूमि की मैपिंग के कार्य करने में तेजी लाएं जाने के आदेश दिए. इस बैठक में हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी मौजूद रहे.
इस तरह से किया जाएगा काम
कृषि भूमि की मैपिंग का काम हो जाने पर कृषि भूमि का डाटा उपलब्ध किया जा सकेगा. साथ ही, तीन चरणों में कृषि भूमि की पैमाइश पूरी की जा सकेगीं. अभी के लिए ज्यादातर गांवों का ड्रोन बेस मैपिंग का कार्य पूरा भी हो चुका हैं.
पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र की कृषि भूमि की मैपिंग की जाएगी. और दूसरे चरण में शहरों में औद्योगिक क्षेत्रों की मैपिंग की जाएगी. ऐसा करने से पैमाइश करने के कार्य में मदद मिल सकेगी.
इस योजना के तहत रेफरेंस प्वाइंट भी बनाए जाएंगे. इस कामों को करने के लिए कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत में तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई. और साथ ही 44 अलग-अलग टीम में पूरे हरियाणा में लैंड मैपिंग का काम करेंगी. सूत्रों के मुताबिक यह कामसाल 2022 के अगस्त तक पूरा किया जा सकता है. लैंड मैपिंग का कार्य पूरा होने के बाद जी.पी.एस. पर किसी जगह की सही लोकेशन देखी जा सकेगी.
इस खास अवसर पर क्या कहा मुख्यमंत्री ने!
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, “कृषि भूमि की मैपिंग का काम पूरा करने के लिए रोवर्स मशीन से पटवारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. हर तहसील स्तर पर दो-दो रोवर्स यानीकि जी.पी.एस. मशीन खरीद कर मुहैया करवाई जाएंगी. हर तहसील को रोवर्स मशीन से जोड़ा जाएगा, ताकि खेतों की पैमाइश आसानी से की जा सके. प्रदेशभर में 19 स्थानों पर कंटीन्यूअस रेफ्रेसिंग स्टेशन स्थापित किए गए, जिनके माध्यम से आसपास के एरिया में 500 किलोमीटर के दायरे में जी.पी.एस. लोकेशन का आसानी पता चल सके. इसके अलावा 16 जी.आई.एस. लैब भी प्रदेश भर में स्थापित की गई हैं. मजबूत रेफरेंस प्वाइंट भी लगाए जाएंगे.” इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि, बड़े पैमाने पर लैंड मैपिंग का काम होने से भूमि मालिकों की जानकारी साफ मिल सकेगी.
लैंड मैपिंग को विस्तार से समझाइए
लैंड मैप इंग्लिश के दो शब्द लैंड और मैपिंग है. लैंड का मतलब भूमि और मैपिंग का मतलब मानचित्रण. भूमि मानचित्रण से तो आप समझ ही गए होंगे कि, इसका मतलब किसी भूमिका यानी कि किसी जमीन का मानचित्र तैयार करना होता है. लैंड मैप मैपिंग ओन लार्ज स्केल यानी कि, किसी बड़े पैमाने पर भूमि का मानचित्र तैयार करना. साधारण रूप से देखा जाए तो व्यक्ति जो एक बिल्डर है यानी कि जो किसी कंपनी या फिर किसी घर का निर्माण करता है, उसको अक्सर भूमि मानचित्र की जरूरत पड़ती है.
क्यों किया जा रहा है लार्ज स्केल पर लैंड मैपिंग का कार्य
हरियाणा में आज भी ऐसी कई जगह है जहां तक पहुंचना बहुत दूर की बात है. और अगर कोई जीपीएस ट्रैक करके जाने की कोशिश भी करें तो वहां पर लोकेशन ना मिल पाने की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पाता. लेकिन लैंड मैपिंग के आ जाने से संभवतः यह समस्या दूर की जा सकती है.
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