चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के कैलेंडर से हटाई गई दोनों महापुरुषों की तस्वीर

हिसार | हरियाणा के हिसार से चौधरी चरण सिंह के कृषि विश्व विद्यालय के वार्षिक कैलेंडर से चौधरी चरण सिंह की फोटो और भिवानी के चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी के कैलेंडर से चौधरी बंसीलाल की फोटो हटाए जाने की खबर आग की तरह तूल पकड़ रही है. दरअसल यूनिवर्सिटी के कैलेंडर से महापुरुषों की तस्वीर हटाऐं जाने से हड़कंप मच गया है.

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मुद्दा लेता जा रहा है पॉलिटिकल रूप

दरअसल किसान संगठन ने महापुरुषों की तस्वीर कैलेंडर से हटाए जाने के मुद्दे पर 2 फरवरी को विश्वविद्यालय पहुंच कड़ा विरोध किया. वही दूसरी तरफ विश्वविद्यालय पहुंच कांग्रेस ने 2 फरवरी को ही अपना कड़ा समर्थन जताया. वहीं राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय की इस गलती पर जल्द से जल्द सुधार करने के आदेश दिए है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान आया सामने

अब इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान सामने आया है. झज्जर में एक सम्मेलन में शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाशधनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि “विश्वविद्यालय के कैलेंडर से चौधरी चरण सिंह और चौधरी बंसीलाल की फोटो हटाना एक बहुत बड़ी गलती है. और जिस किसी ने भी यह गलती की है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.” आगे ओपी सिंह कहते हैं, ऐसी भूल नहीं की जानी चाहिए थी.

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यह एक बड़ी गलती है. और इस गलती का तुरंत सुधार कर नया कैलेंडर छापना चाहिए. जिस किसी ने भी यह गलती की है उस पर जरूर कार्यवाही करनी चाहिए. महापुरुष जिनके नाम पर विश्वविद्यालय हैं. उन महापुरुषों का बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से बंसी लाल जी के नाम, उन महापुरुषों का चित्र सदैव विश्वविद्यालय के कैलेंडर पर रहना चाहिए.”

ओपी सिंह ने कृषि नुकसान से हो रहे मुद्दों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि, “मैं खुद हरियाणा के एफसीआर बी केदार जी से जाकर मिला. और स्पेशल गिरदावरी के लिए उन्होंने और मैंने सर्दी की बारिश के जलभराव की समस्या को लेकर कुछ उपाय सुझाए हैं. सर्दी की बारिश के जलभराव से भी हमारा नुकसान होता रहा हैं.

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इस सर्दी की बारिश से फिर से हमारा नुकसान हुआ है. “कृषि में हुए नुकसान का मुआवजा दो तरह से आता है. जिनका बीमा है उनका मुआवजा बीमा से आता है. जिनका बीमा नहीं है उनका मुआवजा डिजास्टर मैनेजमेंट फंड की तरफ से आता है. जिसको एफसीआर देखते हैं. दोनों तरीकों पर बात की गई है. इसी की गिरदावरी उन्होंने कराई. इसी के साथ ही ओपी सिंह ने बताया कि उन्होंने, कृषि मंत्री से बात करी.

ओपी सिंह ने उठाया एक और मुद्दा

ओपी सिंह मीडिया से बातचीत के दौरान बताते हैं कि, उन्होंने पानी की निकासी का मुद्दा उठाते हुए. पानी की निकासी का स्थाई उपाय सुझाया. ड्रेंस बनाने के लिए इस बार एक अच्छा बजट तय किया गया है. जिससे की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.

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मुद्दा लेता जा रहा है पॉलिटिकल रूप

दरअसल, किसान संगठन ने महापुरुषों की तस्वीर कैलेंडर से हटाए जाने के मुद्दे पर 2 फरवरी को विश्वविद्यालय पहुंच कड़ा विरोध किया. वही भिवानी में कांग्रेस ने 2 फरवरी को ही अपना कड़ा समर्थन जताया.

विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्वीकार की अपनी गलती

विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार कर जल्दी ही नए सिरे से कैलेंडर छापने का आश्वासन दिया है. लेकिन बावजूद इसके हरियाणा में कैलेंडर विवाद गहराता जा रहा है, जिसमें हरियाणा के गठबंधन सरकार पूरी तरह से घिरती नजर आ रही है.

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