नई दिल्ली । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कमर कस ली है निजी कंपनी में स्थानीय लोगों को क्षेत्र के लिए आरक्षण देने के मामले में हरियाणा के कानून पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा वीरवार को स्थगन आदेश पारित किया गया था इसके बाद सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उच्चतम न्यायालय की ओर रुख किया है.
साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस लड़ाई में पूरा जोर लगा देगी.हरियाणा सरकार की तरफ से उच्चतम न्यायालय में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दायर की जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि फरीदाबाद की इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और हरियाणा की एक एसोसिएशन द्वारा राज्य सरकार के इस 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून को लेकर याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में कानून की वैधता को चुनौती दी गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के निजी क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून पर रोक लगा दी.
क्या कहते हैं सीएम खट्टर
कल आदेश आने के बाद सीएम ने कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अपना पूरा मन बना लिया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया है. मगर हम इस लड़ाई को पूरे दमखम से लड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी हमारे एक कानून पर रोक लगा दी गई थी,जिसमें पंचायत चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी रूप से उस कानून की वैधता को संवैधानिक माना, उस वक्त भी हम उच्चतम न्यायालय गए और लड़ाई जीती.हमें पूरा यकीन है कि इस कानून को भी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जरूर संवैधानिक माना जाएगा.
उद्यमियों में खुशी की लहर
इसके विपरीत अगर उद्यमियों की बात की जाए तो विभिन्न एसोसिएशन के उद्यमियों में इस कानून के रोक के बाद खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, उद्यमियों का कहना है कि नौकरियां हमेशा सामने वाले की काबिलियत देखकर मिलनी चाहिए. इस कानून से सभी उघमी बहुत परेशान थे, मगर अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद बहुत खुशी है.
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