चंडीगढ़ । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और सीआईएससीई (Central Board of Secondary Education and CISCE) ने सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों में कक्षा आठवीं के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के हरियाणा सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ कड़ा विरोध जाहिर किया है.
आपको बता दें राज्य में करीब 1300 सीबीएसई और 26 CISCE संबंधित स्कूल है. CISCE राज्य में कक्षा दसवीं के छात्रों के लिए आईसीएसई (ICSE) और कक्षा बारहवीं के छात्रों के लिए आईएससी (ISC) परीक्षाएं आयोजित करता है. वही कक्षा आठवीं की परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई ने शिक्षा मंत्रालय को अपनी आशंकाओं से अवगत कराया है. वही सीआईएससीई ने सीधे तौर पर इस मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार को असहमति जाहिर करते हुए पत्र लिखा है.
जारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीआईएससी प्रमुख कार्यकारिणी व सचिव गेरी आरथून ने कहा है कि सभी बोर्ड पाठ्यक्रम अलग-अलग पैटर्न, शिक्षण प्रणाली पर काम करते हैं. ऐसे में इन सभी बोर्ड को एक छत के नीचे नहीं जोड़ा जा सकता. सीबीएसई ने कहा कि आरटीआई अधिनियम में संशोधन के बाद अब राज्य सरकार कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं के लिए मूल्यांकन करने की अनुमति देता है. लेकिन इस नियम को उन स्कूलों पर लागू नहीं किया जा सकता. जो दूसरे बोर्ड से संबंध रखते हैं.
ऐसे में उन स्कूलों में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. आपको बता दें नई शिक्षा नीति के मुताबिक सीबीएसई वैसे भी अगले साल कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं के लिए असेसमेंट की योजना बना रही है. और अगर ऐसा होने ही वाला है तो छात्र पहले हरियाणा बोर्ड की परीक्षा और फिर सीबीएसई की परीक्षा क्यों दी इससे बेवजह छात्रों पर अधिक तनाव बढ बढ़ेगा.
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