चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा चुनाव मतदान को लेकर डेरा सच्चा सौदा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. पिछले कई दिनों से इस मामले पर डेरा सच्चा सौदा की चुप्पी ने राजनीतिक दलों के नेताओं की सांसें थाम रखी थी. हालांकि किस पार्टी को वोट करना है, इस बारे में डेरा खुलकर अभी भी कुछ नहीं बता रहा है.
वोट करने के निर्णय को गुप्त रखा जा रहा है और डेरा प्रेमियों तक जुबानी संदेश पहुंचाएं जा रहें हैं. डेरा सूत्रों से मिली इनपुट के आधार पर पंजाब चुनाव में इस बार डेरा सच्चा सौदा किसी एक पार्टी को समर्थन नहीं देगा, बल्कि विधानसभा क्षेत्रवार प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला लिया गया है.
डेरा सच्चा सौदा से आई इनपुट के आधार पर डेरे ने इस बार अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पार्टी को समर्थन देने का फैसला लिया है. फिलहाल यह बात भी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि यह समर्थन किस विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी को दिया गया है. डेरे के पदाधिकारी भी इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं कि किस आधार पर कहां किस उम्मीदवार या पार्टी को डेरे की तरफ से सपोर्ट किया गया है.
डेरा प्रमुख राम रहीम फरलो पर बाहर
बता दें कि पंजाब चुनाव में डेरा प्रमुख भूमिका अदा करता है. इन दिनों डेरा प्रमुख राम रहीम भी 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर आया हुआ है. पंजाब में कई सीटें ऐसी हैं जहां डेरा समर्थक वोट प्रत्याशी की हार-जीत का फैसला करते हैं. खासकर मालवा बेल्ट में तो डेरे का बड़ा वोट बैंक हैं.
पंजाब में डेरे अहम
पंजाब में डेरो की संख्या का आंकड़ा बड़ी तादाद में है और हर राजनीतिक पार्टी की नजरें डेरे के वोट बैंक पर गड़ी रहती है. डेरा सच्चा सौदा का मालवा बेल्ट में अधिक प्रभाव है तो वहीं राधा स्वामी डेरा व्यास माझा का भी एक दर्जन से अधिक सीटों पर प्रभाव देखने को मिलता है.
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