नई दिल्ली । रेलवे यात्रियों के सफर को आरामदायक और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है और अब इस कड़ी में यात्रियों के हाईजीन को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. कोविड-19 महामारी के चलते ट्रेनों में लंबे समय से पैंट्री की सुविधा बंद थी, जिसे अब दोबारा से शुरू कर दिया गया है. अक्सर सफर के दौरान बंद खानें की गुणवत्ता को लेकर यात्रियों की शिकायतें मिलती रहती है. इसलिए रेलवे ने कड़े कदम उठाते हुए फैसला लिया है कि अब ट्रेन में रेगूलर खाने की जांच होगी. इसके लिए रेलवे द्वारा 50 FSS (Food Safety Supervisor) की तैनाती की जाएगी.
ट्रेन में लगातार होगी खाने की जांच
रेलवे विभाग ने यात्रियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए अब नियमित तौर पर सफर के दौरान मिलने वाले खाने की जांच करने का फैसला लिया है. इस दौरान मिली शिकायतों को तुरंत प्रभाव से दूर किया जाएगा. IRCTC ने बताया कि बेस किचन में खाने की क्वालिटी की नियमित जांच शुरू की जाएगी. फूड प्रोडक्ट्स की जांच के लिए निजी लैब की मदद ली जाएगी. फूड क्वालिटी को लेकर यात्रियों की राय ली जाएगी और राय के बाद कमियों को भी दुरुस्त किया जाएगा.
50 FSS तैनात किए जाएंगे
सफर के दौरान मिलने वाले खाने को लेकर यात्रियों की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर कड़े कदम उठाए गए हैं, जिसके बाद फूड क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है. यात्रियों की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए FSS तैनात करने का फैसला लिया गया है और इस संबंध में 50 FSS के लिए आवेदन भी मांगे गए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोविड काल से पहले IRCTC के 46 बेस किचन थे और हर किचन में कम से कम एक फूड सेफ्टी सुपरवाइजर की तैनाती की जाएगी.
निजी एजेंसी की ली जाएगी मदद
रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में मिलने वाले भोजन पर यात्रियों की संतुष्टि जानने के लिए निजी एजेंसी द्वारा सर्वे करवाया जाएगा. एजेंसी को दो साल के लिए यह काम सौंपा जाएगा. एजेंसी के कर्मचारी रेलवे स्टेशनों पर खान-पान के स्टॉल और ट्रेनों में यात्रियों से बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे.
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