हरियाणा सरकार ने जबरन धर्मांतरण के कानून को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार से मांगी जानकारी

पंचकूला । हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने हिमाचल प्रदेश के जबरन प्रलोभन देकर शादी के बाद धर्म परिवर्तन करने विरोधी कानून को लेकर जानकारी मांगी है.

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कानून का अध्ययन करके ताकि इसे हरियाणा में भी लागू किया जा सके. हिमाचल प्रदेश में यह कानून नए रूप में 2007 से लागू है जिसमें धर्मांतरण की कोशिश के तहत 7 साल तक की सजा का प्रावधान है . जबकि इस कानून के प्रावधानों में जबरन, अनुचित तरीके से, प्रभावित करने, दबाव , लालच और शादी का प्रलोभन इत्यादि किसी भी धोखाधड़ी व तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर रोक है.

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यदि कोई भी शादी बस धर्मांतरण के लिए की जाती है तो हिमाचल प्रदेश के कानून के तहत यह गैरकानूनी माना जाता है, उसी तरह हरियाणा सरकार भी अभी फरीदाबाद की निकिता के मामले को लेकर गंभीर है और भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो इसके लिए हरियाणा सरकार भी हिमाचल प्रदेश की तरह कानून बनाना चाहता है. इसी कानून को लेकर हरियाणा सरकार गम्भीर नज़र आ रही है इसीलिए इस से सम्बंधित जानकारी मांगी है.

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मौजूदा कानून के तहत धर्मांतरण कराने वाले पुरोहित पादरी या किसी भी अन्य व्यक्ति को एक महीने पहले इसकी सूचना देनी होगी लेकिन अपने पुराने धर्म मे वापस आने पर व्यक्ति पर कोई शर्त नहीं होगी. अगर महिला, नाबालिग या दलित का धर्मांतरण कराया जाता है तो 2 से 7 साल तक की सजा होगी. लेकिन यदि कोई व्यक्ति अपना धर्म बदलना चाहता तो उसे 1 महीने पहले जिलाधिकारी को लिख कर देना होगा तभी धर्मांतरण मान्य होगा.

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