चंडीगढ़ | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी देते हुए बताया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाला कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट जून में होगा.मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्होंने केंद्र सरकार की एजेंसी से बात भी कर ली है जो जून माह में इस परीक्षा का आयोजन करेगी. सीईटी की परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी के पदों को भरा जाएगा.
बीजेपी के कार्यकाल में डॉक्टरों की 7 गुना अधिक भर्तियां हुई
मुख्यमंत्री ने बताया कि फिलहाल मेडिकल अधिकारियों के 2615 पद भरे गए हैं जिनमें 954 मेडिकल पद(ग्रुप ए )के भी सम्मिलित है. जो कोरोनावायरस के समय भरे गए. मुख्यमंत्री का बयान है कि चिकित्सकों की भर्ती में किसी भी प्रकार की देरी न हो इसलिए HPSC की बजाए एक कमेटी के माध्यम से भर्तियां की जाए. इसी कमेटी के जरिये मेडिकल अधिकारियों के 980 पद भरने की प्रक्रिया चल रही है.
स्वास्थ्य विभाग में भी डाक्टरों का स्पेशलिस्ट केडर बनाया जा रहा है. पिछली सरकार द्वारा 370 मेडिकल अधिकारी भर्ती हुए, जबकि हमने उनके सात गुना अधिक 2615 भर्ती की. अभी भी 1252 पदों पर अधिकारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है. इन पदों के लिए उम्मीदवार 25 फरवरी 2022 तक अपने आवेदन भेज सकते थे.
सीएमआई के झूठे हैं आंकड़े
मुख्यमंत्री का कहना है कि CMI सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी लिमिटेड जो एक निजी कंपनी है, वह लाभ के लिए प्रदेश में बेरोजगारी के झूठे आंकड़े पेश कर रही है. इस कंपनी द्वारा दिसंबर 2021 में बेरोजगारी दर तो 34.1%दिखाई गई थी. लेकिन मैंने तो एक ही महीने में सीधे 11% की कमी कैसे सम्भव है.
यदि इस रिपोर्ट को ठीक माने तो एक ही महीने में लगभग 16 लाख युवाओं को रोजगार मिल गया है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो फिर विपक्ष को हमारी तारीफ करनी चाहिए. मुख्यमंत्री का कहना है कि यह रिपोर्ट निराधार है.
हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य
मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आम लोगों को किफायती और अच्छे स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार का पहला कर्तव्य है. वर्ष 2014 में हरियाणा में 7 मेडिकल कॉलेज थे. इन 7 कॉलेजों में से तीन सरकारी कॉलेज जबकि तीन प्राइवेट कॉलेज थे.जबकि हमारे कार्यकाल में 3 सरकारी और चार प्राइवेट नए कॉलेज खुल गए हैं. अब यह संख्या 13 हो गई है तथा हमारा लक्ष्य प्रत्येक जिले में एक मेडिकल खोलने का है.
इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 1685 तथा पोस्टग्रेजुएट की 510 सीट है.अंबाला छावनी के सरकारी अस्पताल में 72 करोड़ की लागत पूंजी से नर्सरी कैंसर केयर सेंटर की स्थापना भी होने जा रही है. इसके जरिए कैंसर के मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी.
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