पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह की उचाना रैली पर टिकी है सभी की निगाहें, राजनीतिक कदम पर सबकी नजर

नई दिल्ली । अक्सर अपने बयानों से चर्चा में रहना पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह की पहचान है.हालांकि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की बातें अब संतुलित हो गई हैं. बीरेंद्र सिंह का मानना ​​है कि भाजपा के सामने कांग्रेस अब भी सबसे ताकतवर राजनीतिक पार्टी है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष के पास कोई बड़ा और प्रभावशाली नेता नहीं है.

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बीरेंद्र सिंह का यह भी कहना है कि भाजपा और कांग्रेस से नाराज मतदाताओं के सामने तीसरा मोर्चा बनाने का विकल्प अब भी है. किसान संगठनों के आंदोलन के दौरान भाजपा की लाइन के अलावा किसानों के पक्ष में बोलने वाले बीरेंद्र सिंह जब सामान्य बातचीत में इस तरह के शब्द बोलते हैं, तो निश्चित रूप से उनके बारे में अटकलें लगाई जाती हैं, हालांकि बीरेंद्र सिंह के सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह इस तरह की राजनीतिक टिप्पणियों से बचते हैं. और वीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को कभी भी अपने पिता जैसे टिप्पणियां करते हुए नहीं देखा गया है

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बीरेंद्र सिंह और उनके सांसद बेटे के अंदर क्या चल रहा है, ये तो वे ही जानते हैं, लेकिन दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक 25 मार्च को उचाना में होने वाली रैली को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. वीरेंद्र सिंह ने उचाना के बाद फरीदाबाद में अपने समर्थकों से चर्चा की है.
बीरेंद्र सिंह के बेटे सांसद बृजेंद्र सिंह भी हिसार के बाद रविवार को उचाना में अपने समर्थकों से हल्की चर्चा करेंगे. इसमें दोनों 25 मार्च की रैली को ही न्योता दे रहे हैं.बृजेंद्र सिंह यह भी बता रहे हैं कि चौधरी बीरेंद्र सिंह के सार्वजनिक जीवन के 50 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में 25 मार्च को उनके जन्मदिन पर कुछ खास होगा. बीरेंद्र सिंह से जुड़े तमाम बड़े नेताओं को पार्टी की परवाह किए बिना न्योता दिया गया है.

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बता दें कि जब उनसे मीडियाकर्मी यह पूछ रहे हैं कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी 25 मार्च को उचाना जाएंगे. इस सवाल का बीरेंद्र सिंह की ओर से कोई जवाब नहीं है. हां, इतना जरूर है कि 25 मार्च को होने वाली उचाना की रैली भी हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण रच सकती है.इसके बाद बीरेंद्र सिंह के लिए बीजेपी छोड़ना आसान नहीं होगा.उनके सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह का अभी भी लंबा राजनीतिक करियर है.

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वहीं, राजनीतिक जानकार भी मान रहे हैं कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीरेंद्र सिंह के लिए बीजेपी छोड़ना आसान नहीं होगा. उनके सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह का अभी भी लंबा राजनीतिक करियर है। जिस वजह से क्यास लगाए जा रहे हैं कि पिता द्वारा कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे बृजेंद्र सिंह के राजनीतिक करियर पर असर पड़े, हालांकि यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

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