नई दिल्ली । हरियाणा समेत देश भर में कांग्रेस पार्टी में चल रही खींचतान कम होने का नाम ही नहीं लें रही है. कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी अपने स्तर पर इस मसलें को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं. अब इसी कड़ी में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा के सुपुत्र एवं तेजतर्रार युवा नेता दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही है. अभी वर्तमान में हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा हैं, जिसे हटाने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा और उसके खेमे के विधायक पिछले लंबे समय से कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा अब कांग्रेस के G-23 का हिस्सा बन चुके हैं. ऐसी खबरें निकल कर सामने आ रही है कि कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा को G-23 से अलग करने के लिए फॉर्मूले के तौर पर उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष बना सकती है. बता दें कि राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की छवि एक युवा नेता के तौर पर हरियाणा प्रदेश के लोगों के बीच काफी चर्चित बनी हुई है और उनका विन्रम स्वभाव लोगों को पसंद आ रहा है.
हरियाणा में वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जारी है. राजस्थान के पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा को इस प्रकिया के लिए हरियाणा का चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है. 31 मार्च तक चुनाव प्रकिया में भाग लेने के लिए ऑनलाइन सदस्यता अभियान चल रहा है. बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में आपसी खींचतान के चलते पिछले आठ सालों से संगठनात्मक चुनाव नहीं हुए हैं.
कुमारी सैलजा और भपूेंद्र हुड्डा में काफी समय से चल रही खींचतान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस पार्टी के युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव भी ऑनलाइन सदस्यता के आधार पर हुए थे, जिनमें करीब 15 लाख सदस्य बनाएं गए थे. हरियाणा की वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा के बीच संगठन पर कब्जे को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही है. हालांकि मीडिया के सामने दोनों पार्टी की मजबूती के लिए काम करने की बात करते हैं लेकिन मौका मिलते ही दोनों एक-दूसरे के पर कतरने का जरा सा भी मौका नहीं छोड़ते है.
हरियाणा में पार्टी के अंदर की गुटबाजी खत्म करना चाहती है कांग्रेस
इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस में कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अजय यादव, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला भी संगठन पर कब्जे को लेकर पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कोशिश में है कि 2024 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के अंदर की गुटबाजी को खत्म किया जाए. कांग्रेस पार्टी दीपेंद्र हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष की कमान सौंपकर उनके पिता भुपेंद्र हुड्डा की नाराज़गी भी दूर करना चाहती है जो इस समय पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर G-23 समूह के नेताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की सोच है कि युवा नेता के हाथ में प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपने पर प्रदेश में पार्टी का संगठन भी मजबूत होगा.
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