सीएम बनते ही भगवंत मान के लिए हरियाणा ने खड़ी की मुश्किलें, दोनों राज्य आए एक-दूसरे के सामने

चंडीगढ़ । पंजाब में आम आदमी पार्टी की नई सरकार बनते ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. हरियाणा राजभवन में होली खेलने पहुंचे पंजाब के सीएम भगवंत मान से एसवाईएल नहर का पानी मांगकर सालों पुराने इस विवाद को फिर से हवा दे दी है. दोनों राज्यों के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर (SYL) के निर्माण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.

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सीएम मनोहर लाल ने यह कहकर कि हमें हमारे हिस्से का पानी चाहिए जो दिल्ली भी जाता है, गेंद सीएम भगवंत मान के पाले में डाल दी है. वहीं हरियाणा के सीएम के इस बयान के बाद पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने भगवंत मान से जवाब मांगा है. उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर के मसलें पर सीएम भगवंत मान की चुप्पी पंजाब के लोगों की चिंता बढ़ा रही हैं.

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दशकों पुराना है विवाद

बता दें कि एसवाईएल नहर पर दोनों राज्यों के बीच पिछले चार दशक से राजनीति हो रही है. विधानसभा चुनावों में दोनों राज्यों में पार्टियां इसे मुद्दा बना कर वोट की राजनीति करती है लेकिन समस्या का समाधान आज तक भी नहीं हुआ है.

हालांकि बीजेपी शासनकाल में हरियाणा के हाथ यह सफलता जरूर लगी कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में जल्द सुनवाई करते हुए फैसला हरियाणा के हक में सुनाया था. अब पंजाब को एसवाईएल नहर का निर्माण करना है ताकि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिल सकें.

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ऐसे में संभावना नजर आ रही है कि नहर निर्माण और पानी के लिए केन्द्र सरकार को दोनों राज्यों के बीच इस विवाद में हस्तक्षेप करना पड़ेगा. हरियाणा सरकार किसी भी समय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर किसी एजेंसी को अधिकृत करने की मांग कर सकता हैं.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू कराने की तैयारी

सीएम मनोहर लाल ने अपने बयान में कहा था कि पंजाब की नई सरकार की अब दोहरी जवाबदेही बनती है, क्योंकि हमने पंजाब से पानी लेना है और दिल्ली को पानी देना है. ऐसे में एसवाईएल के पानी के लिए भगवंत मान सरकार की जवाबदेही ज्यादा है क्योंकि दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है. हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से इस मामले को लेकर अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं.

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