नई दिल्ली । दिल्ली एनसीआर में सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब उन्हें ऑटो-रिक्शा और बसों के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. दिल्ली और उसके आसपास के शहरों जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद में जल्द ही इंटरसिटी यात्रा करने के लिए अधिक संख्या में ऑटो, रिक्शा और बसें मौजूद होंगी.
क्योंकि 12 साल के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने नई पारस्परिक सामान्य वाहन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. जारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समझौते में यह अनिवार्य है कि 3 साल में दिल्ली की सीमाओं पर लगी जिलों में सीएनजी, इलेक्ट्रिक वाहन या फिर इसी तरह के इंधन वाली बसें ऑटो-कैब को राजधानी दिल्ली में प्रवेश करना सुनिश्चित होगा.
आपको बता दें आरसीटीए एक तरह का समझौता ज्ञापन है जिस पर इन चारों राज्यों ने राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा सहमति व्यक्त की है. और समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता ऐसे वक्त में हुआ है जब जनसंख्या और परिवहन यातायात दोनों ही तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में बिना परेशानी के इंटरसिटी परिवहन सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा सके.
नया आरसीटीए 10 सालों के लिए मान्य होगा इस दस्तावेज को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा अनिवार्य किया गया है. बता दे पिछला आरसीटीए 14 अक्टूबर 2008 से 22 अप्रैल 2010 तक अधिसूचित किया गया था. वहीं दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया है कि नया आरसीटीए का प्रमुख आकर्षण यह है. इससे लोगों को दिल्ली और उसके पड़ोसी शहरों में ऑटो और बसों की बेहतर सुविधाएं मुहैया होंगी.
इसी कड़ी में दिल्ली-यूपी, दिल्ली-हरियाणा के बीच में 2,000 से अधिक एनसीआर ऑटो-कैब को बढ़ाया गया है.साथ ही हरियाणा ऑटो, रिक्शा टैक्सी और दिल्ली एनसीआर के भीतर चलने वाली बसों को भी मोटर वाहन टैक्स छुटकारा देने पर सहमति बनी है. गौरतलब है कि मौजूदा समय में हरियाणा में पंजीकृत ऑटो रिक्शा और टैक्सी को आरसीटीए के तहत अनुसंधान परमिट वाले एनसीआर राज्यों उत्तर प्रदेश,राजस्थान, दिल्ली में प्रवेश के दौरान टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
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