पंचकूला । हरियाणा में शिक्षक बनने का सपना संजोए बैठे युवाओं की उम्मीदों को खट्टर सरकार ने फिर से झटका दिया है. बता दें कि नए शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है. अब हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने इन भर्तियों के लिए अलग से परीक्षा लेने का निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले अंकों में कटौती करने के चलते एचएसएससी ने यह कदम उठाया है.
शिक्षकों के 40 हजार से अधिक पद खाली
मिली जानकारी अनुसार राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 40 हजार से अधिक पद रिक्त पड़े हैं. 4500 पदों की इस भर्ती को रद्द करने के फैसले को लेकर विपक्षी दल मनोहर सरकार पर निशाना साध सकते हैं. जिन पदों की भर्ती को रद्द किया गया है, उनमें सेकेंडरी स्कूल के लिए 3827 पद शामिल हैं. मेवात काडर के 37 और एलीमेंटरी एजुकेशन के 176 शिक्षक पदों की भर्ती को रद्द किया गया है.
एचएसएससी द्वारा जारी किए गए नोटिस में बताया गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 25 मार्च को इन भर्तियों को वापस लेने के लिए आयोग को पत्र लिखा गया था और विभाग के आग्रह के बाद ही आयोग ने यह फैसला लिया है.
सामाजिक-आर्थिक मानदंड के ये होंगे अंक आधार
बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के तहत 10 अंकों का प्रविधान था. ये अंक उन उम्मीदवारों को मिलते थे, जिनके घर में कोई सदस्य सरकारी नौकरी पर नहीं है. इसके अलावा विधवा महिलाओं व जिन उम्मीदवारों के पिता की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें भी 10 अंकों का लाभ मिलता था.
अब इन अंकों को घटाकर 5 कर दिया गया है. इसी तरह से अविवाहित लड़की को मायके पक्ष के रूप में और विवाहिता को ससुराल पक्ष के हिसाब से 5 अंकों का लाभ मिलेगा. अब लिखित परीक्षा 95 अंकों की होगी और पांच अंक सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के तहत मिलेंगे.
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