हरियाणा में दोगुनी हुई बिजली की मांग, लग रहें हैं कट, बिजली निगम ने बताई यह वजह

चंडीगढ़ । मौसम में गर्माहट बढ़ने से लोगों को गर्मी का अहसास होना शुरू हो गया है. जाहिर सी बात है, गर्मी बढ़ेगी तो इसका सीधा असर बिजली की डिमांड पर पड़ेगा और डिमांड ज्यादा होने की सूरत में प्रदेश में बिजली संकट खड़ा हो सकता है. बिजली की बढ़ती खपत का असर सप्लाई पर नजर आ रहा है और ग्रामीणों क्षेत्रों में बिजली कट लगने शुरू हो गए हैं. हालांकि उद्योगों को अभी भी पूरी बिजली मिल रही है.

Bijli Karmi

हरियाणा में अभी 6500 मेगावाट बिजली की मांग

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ज्यादा बिजली की आपूर्ति कर रहा है. गुरुग्राम में सबसे ज्यादा बिजली की खपत हो रही है. प्रदेश में उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का लोड कम है. वैसे यहां पानीपत में सबसे ज्यादा बिजली की खपत होती है. इस समय प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 6500 मेगावाट है. यदि पूरी बिजली की आपूर्ति हो तो हरियाणा के लोड का आंकलन किया जा सकता है लेकिन अभी तो पूरी बिजली ही नहीं मिल रही.

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उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में बिजली लोड लगभग 2100 मेगावाट हैं जबकि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में बिजली लोड लगभग 3600 मेगावाट है. गुरुग्राम मेंं सबसे ज्यादा 1250 मेगावाट बिजली का लोड हैं जबकि सबसे कम बिजली लोड (40 मेगावाट) नारनौल फीडर का है.

पानीपत, यमुनानगर और खेदड़ में हो रहा 1784 मेगावाट बिजली उत्पादन

पानीपत थर्मल पॉवर प्लांट

• 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 से 174 मेगावाट

• 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 7 से 237 मेगावाट

• 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 8 से लगभग 238 मेगावाट

यमुनानगर थर्मल पॉवर प्लांट

• यमुनानगर की 300 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 1 से 278 मेगावाट व 300 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर दो से 277 मेगावाट

खेदड़ (हिसार) थर्मल पॉवर प्लांट

• 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 1 से 580 मेगावाट

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इंदिरा गांधी थर्मल पॉवर स्टेशन झाड़ली से मिल रही बिजली

• 500 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 1 से 449 मेगावाट, 500 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 2 से 467 मेगावाट व 500 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 3 से 474 मेगावाट

इस थर्मल पॉवर प्लांट में 50% हिस्सेदारी दिल्ली की है. इसलिए यहां उत्पादन का 43% हिस्सा दिल्ली को भेजा जाता है. इस समय इन तीनों यूनिटों से हरियाणा को लगभग 653 मेगावाट बिजली मिल रही है. इसके अलावा भाखड़ा डैम से 419 मेगावाट व देहर डैम से 646 मेगावाट बिजली उत्पादन में से 105 मेगावाट बिजली आपूर्ति हरियाणा को हो रही है.

पानीपत में सबसे महंगी बिजली का उत्पादन, यमुनानगर में सस्ती बनती है बिजली

पानीपत थर्मल पॉवर प्लांट की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 पर बिजली रेट 3.815 रुपए है जबकि 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात व आठ पर बिजली रेट 3.802 रुपए है. हिसार के खेदड़ के राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट की 600 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 1 पर बिजली रेट 3.702 रुपये है. यमुनानगर के दीनबंधु छोटूराम थर्मल पावर प्लांट में बिजली रेट 3.691 रुपए है.

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इंडस्ट्री को ज्यादा बिजली देने की वजह

पानीपत में 81 लाख यूनिट बिजली की प्रतिदिन खपत हैं. इंडस्ट्री को रोजाना 23 घंटे 11 मिनट (41.07 लाख यूनिट) बिजली आपूर्ति की जा रही है. पानीपत बिजली निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर एसएस ढुल ने बताया कि प्रदुषण के चलते पिछले दिनों इंडस्ट्री बंद पड़ी थी लेकिन अब हरियाणा के आर्थिक विकास का पहिया घूमता रहे, इसलिए यहां बिजली कटौती नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि ग्रिड को सुरक्षित चलाया जा सकें, इसलिए कट लगाएं जा रहें हैं. जितनी बिजली मिल रही है उसी अनुसार आगे बिजली आपूर्ति की जा रही है.

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