जींद । हरियाणा में एक अप्रैल यानि शुक्रवार से अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों पर गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2015 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. हालांकि अभी गेहूं खरीद के लिए सरकार द्वारा निर्धारित एजेंसियां मंडियों में नही आई है क्योंकि पहले सप्ताह गेहूं की कम ही आवक रहने और उसमें नमी ज्यादा होने के कारण खरीद कम ही होने की संभावना जताई जा रही है.
एजेंसियाें द्वारा आढ़तियों को अभी तक बारदाना भी नहीं भेजा गया है तो वहीं मार्केट कमेटियों के पास मुख्यालय से भी गेहूं की खरीद के लिए शेड्यूल नहीं आया है. जिन किसानों ने मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल का रजिस्ट्रेशन कराया है, उन्हीं किसानों को मुख्यालय की तरफ से संबंधित मंडी में गेहूं लाने के लिए मैसेज भेजे जाएंगे. ऐसे में गेहूं खरीद के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है.
वहीं दूसरी तरफ बाजार में पुराना गेहूं 2200-2300 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. ऐसे में किसानों के मन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि फसल को एमएसपी पर बेचे या व्यापारियों को बेच दें. किसानों के बीच यह चर्चा भी बनी हुई है कि सरकार गेहूं की फसल पर ज्यादा बोनस दे सकती है. ऐसे में अगर व्यापारी उन्हें 150-200 रुपए ज्यादा भाव देता है और सरकार इससे ज्यादा बोनस देती है तो उन्हें नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
20 क्विंटल गेहूं पहुंची है
जींद नई अनाज मंडी में दुकान नंबर-98 पर एक एकड़ गेहूं की करीब 20 क्विंटल गेहूं पहुंची है. मार्केट कमेटी अधिकारी द्वारा उस किसान को अवगत करा दिया गया है कि अभी एजेंसियां गेहूं खरीद के लिए नहीं पहुंची है. बता दें कि जिले में करीब 2.12 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है. 35 मंडियों और खरीद केंद्रों पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा वेयर हाउस और एफसीआइ खरीद करेंगी.
जींद मार्केट कमेटी सचिव संजीव कुमार ने बताया कि अभी हाथ से गेहूं की कटाई शुरू हुई है. आने वाले दिनों में कंबाइन से कटाई होने पर मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ेगी. मार्केट कमेटी की तरफ से मंडी में बिजली, पानी व अन्य व्यवस्था की जा चुकी हैं ताकि फसल लेकर आने वाले किसानों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े.
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