कृषि विशेषज्ञों ने दी कपास बिजाई की सम्पूर्ण जानकारी, इस दिशा में कतारों में की गई बिजाई देगी अधिक उत्पादन

हिसार । फिलहाल रबी फसलों की कटाई का सीजन शुरू हो चुका है और साथ ही कुछ जगहों पर खरीफ फसलों की बिजाई भी शुरू हो चुकी है. अगेती सरसों वाली जमीन पर लोग कपास की बिजाई की तैयारी कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों का भी कहना है कि अगर किसान खाली हो चुके खेतों में कपास की बिजाई करना चाहते हैं तो अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दें. कृषि विशेषज्ञों ने कहा है कि इस बार गर्मी का सीजन पिछले सालों की बजाय पहले ही शुरू हो गया है और तापमान में भी निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में 15 अप्रैल से 15 मई तक कपास की बिजाई के लिए बिल्कुल सही समय है क्योंकि पछेती बिजाई में गर्मी अधिक बढ़ने के कारण कपास के पौधे झुलसने की शिकायत आती है.

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अगेती बिजाई का यह फायदा होगा कि जब तक गर्मी बढ़ेगी तब तक कपास के पौधे बड़े हो चुके होंगे और सिंचाई से पौधों को झुलसने से बचाया जा सकता है. खासकर रेतीली जमीन पर किसानों को कपास की अगेती बिजाई करनी चाहिए.

भूमि ऐसे करें तैयार

कपास बिजाई से पहले खेत की तीन-चार बार अच्छे से जुताई करवानी चाहिए. पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए. साथ ही दो बार हैरो से भी जुताई करें और प्रत्येक जुताई में सुहागा लगाएं. गहरी जुताई करने पर बिजाई अच्छी तरह हो जाती है. रेतीली, लूणी व सेम वाली भूमि को छोड़कर कपास की खेती सभी प्रकार की जमीन पर की जा सकती है.

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कपास के बीज का करें उपचार

बढ़िया पैदावार लेने के लिए कपास के बीज का उपचार करना बहुत जरूरी है. इसके लिए एक ग्राम स्ट्रैप्टोसाईक्लिन, एक ग्राम सक्सीनिक तेजाब व 10 लीटर पानी के घोल में कपास का बीज डालें. रोएंदार बीज की मात्रा 5-6 किलोग्राम होनी चाहिए और इसे करीब 6-8 घंटे तक घोल में रखें. वहीं बिना रोएंदार बीज की 6-8 किलोग्राम मात्रा को दो घंटे तक घोल में रखें.

किसान साथी ध्यान दें कि जिन क्षेत्रों में दीमक की समस्या है वहां पर 10 एमएल क्लोरपाईरीफास 20 ईसी व 10 एमएल पानी प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर थोड़ा-थोड़ा बीज पर छिड़काव करें. इसके बाद बीज को अच्छी तरह से मिलाएं और 30-40 मिनट तक बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करें.

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बिजाई का तरीका

कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि कपास की बिजाई बीज-उर्वरक संयुक्त ड्रिल या प्लांटर या फिर एक कतार वाली ड्रिल से करें और बीज को 4-5 सेंटीमीटर गहरा बोएं. कतार से कतार की दूरी 67.5 सेंटीमीटर तक व पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए. वहीं संकर व बीटी कपास की बिजाई के लिए कतार से कतार की दूरी 67.5 सेंटीमीटर व पौधे से पौधे की दूरी 60 सेंटीमीटर रखें या फिर कतार से कतार की दूरी 100 सेंटीमीटर व पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर करें. किसान साथी ध्यान दें कि पूर्व से पश्चिम की दिशा में कतारों में बोई गई कपास उत्तर से दक्षिण दिशा में बोई गई कपास के मुकाबले अधिक पैदावार देती है.

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