फसल अवशेष जलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, हरियाणा सरकार ने बनाया यह खास प्लान

पानीपत | हरियाणा में गेहूं सीजन के दौरान फसल की कटाई के बाद फसल अवशेष जलानें के बहुत मामले सामने आते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदुषण को बढ़ावा तो मिलता ही है, साथ ही धुआं वातावरण में घुल कर हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो जाता है. फसल अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए इस बार जिला प्रशासन ने खास रणनीति अख्तियार कर ली है.

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जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिलें के सभी गांवों में चौकीदारों और स्वस्थ नौजवानों की ड्यूटी लगाई जाएगी. यह टीम फसल अवशेष जलाने वालों पर विशेष नजर रखेगी और अपने क्षेत्र में ठीकरी पहरा देगी ताकि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.

इनको जिम्मेदारी सौंपी

जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि इस काम की जिम्मेदारी जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सभी तहसीलदार, सभी नायब तहसीलदार व कृषि उप निदेशक की होगी. यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किए जाते हैं और संबंधित एसडीएम अपने क्षेत्र में इन आदेशों की पालना करवाना सुनिश्चित करेंगे. आदेशों का पालन न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दी पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन एंड पेट्रोल एक्ट 1918 की धारा 9 व 11 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

फसल अवशेष जलाने के नुकसान

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने की बजाय पशुओं के लिए तुड़ा बनाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि अवशेषों को जलाने से पर्यावरण के साथ-साथ मनुष्य के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचता है. आग लगने से आसपास के क्षेत्र में जान-माल की हानि भी हो सकती है. उपायुक्त ने बताया कि फसल अवशेषों को जलाने से धरती की उपजाऊ शक्ति भी खत्म होती है, इसलिए फसल अवशेषों को जलाने से परहेज़ करें.

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